दिल से अपनाएं गांधीजी के विचार : अशोक गहलोत

* गांधी अतीत नहीं, भविष्य भी हैं
* आज सबसे बड़ा संकट चरित्र का
* राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 जारी
* स्वतंत्रता सेनानियों का किया अभिनन्दन
* गांधी जी के जीवन पर वेब पोर्टल का शुभारम्भ
* बदले की भावना से नहीं, सद्भावना से करें काम
* सरकार का प्रयास, कम से कम दामों में मिले गांधी साहित्य



(डे लाइफ डेस्क)


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिड़ला सभागार में गांधीजी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित गांधी सप्ताह के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हम राष्ट्रपिता गांधीजी के विचार “केवल जुबान से नहीं दिल से अपनाएं” तभी देश में सद्भाव, प्रेम और भाईचारा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अशान्ति और अविश्वास के इस दौर में गांधीजी के सिद्धांतों में ही देश की सभी समस्याओं का समाधान छुपा हुआ है और वही व्यक्ति गांधीवादी होने की बात करे जो वास्तव में गांधीजी के विचारों को आत्मसात कर उनके बताए मार्ग पर चल रहा हो।


बदले की भावना से नहीं, सद्भावना से करें काम
राजस्थान के मुख्यमंत्री देश के वर्तमान हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि हम बदले की भावना के बजाय गांधीजी के 'जियो और जीने दो' के सिद्धांत को अपने जीवन में उतारें। क्योंकि गांधीजी कहते थे 'आंख के बदले आंख से पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी' गहलोत ने कहा कि दुश्मनी का कभी अंत नहीं हो सकता। इसलिए हमें बदले की भावना के बजाय सद्भावना से काम करना चाहिए।


सरकार का प्रयास, कम से कम दामों में मिले गांधी साहित्य
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि गांधीजी का जीवन सुविचारों का खजाना है। युवा पीढ़ी इस खजाने को जमकर लूटे। उन्होंने कहा कि गांधीजी के संदेशों का जन-जन तक प्रसार हो और घर-घर में गांधी साहित्य पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकार गांधी साहित्य को प्रदेश में कम से कम दाम पर उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गांधीजी की 150वीं जयन्ती के कार्यक्रम 2020 तक जारी रखने का निर्णय किया गया है। साथ ही खादी उत्पादों पर छूट बढ़ाकर 50 प्रतिशत की गई है।


गांधी अतीत नहीं, भविष्य भी हैं
गहलोत ने कहा कि यूपीए चैयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा था कि 'गांधी अतीत नहीं, भविष्य भी हैं'। यह बात सिद्ध हो गई है। गांधीजी का अहिंसा का सिद्धांत आज पूरी दुनिया के लिए शोध का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचारों से ही हमारे देश में 70 साल से अब तक लोकतंत्र कायम है।


राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 जारी
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजस्थान सिलिकोसिस नीति-2019 जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी के पीड़ितों की सहायता के लिए यह नीति जारी की है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं, जिनसे इस बीमारी के पीड़ितों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही राज्य सरकार ऎसे कदम उठाने का प्रयास करेगी, जिससे प्रदेश के लोगों में यह बीमारी ही न हो।


गांधी जी के जीवन पर वेब पोर्टल का शुभारम्भ
मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर गांधीजी के जीवन पर आधारित वेब पोर्टल http://gandhi150.rajasthan.gov.in/ का शुभारम्भ किया। इस पोर्टल पर गांधीजी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, भाषण, रचनात्मक कार्यक्रम एवं अन्य महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध होगी। अतिथियों ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं की पुस्तिका तथा डॉ. भरत ओला द्वारा संपादित राजस्थानी भाषा की पत्रिका 'हथाई' के गांधी विशेषांक का विमोचन भी किया।


स्वतंत्रता सेनानियों का किया अभिनन्दन
मुख्यमंत्री मंच से उतरकर समारोह में उपस्थित बुजुुर्ग स्वतंत्रता सेनानियों के पास पहुंचे और उनसे मिलकर उनके हाल-चाल जाने। उन्होंने शॉल ओढ़ाकर सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अभिनन्दन भी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बिड़ला सभागार परिसर में गांधी सप्ताह के तहत 'गांधी एक्सपो' का भी उद्घाटन किया और स्टॉल्स पर जाकर प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया।


समारोह को संबोधित करते हुए कला एवं संस्कृति मंत्री बी.डी. कल्ला ने कहा कि गांधीजी के विचार आज वैश्विक सम्पत्ति बन गये हैं। उनके सिद्धांतों पर पूरी दुनिया में शोध किया जा रहा है। युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसा के माध्यम से अत्याचार का विरोध करना सिखाया। बढ़ती बेरोजगारी और डूबती अर्थव्यवस्था के दौर में ग्राम स्वराज जैसे उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।


आज सबसे बड़ा संकट चरित्र का
प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक डॉ. सुदर्शन अयंगर ने कहा कि आज दुनिया के लिए सबसे बड़ा संकट चरित्र का है। महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरणा लेकर एक उत्कृष्ट चरित्र का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी के एकादश व्रत से देश को एक सूत्र में बांधकर रखा जा सकता है।