कॅरियर काउंसलर की मदद लें
सूचना और तकनिकी की विकास तथा नव आर्थिक उदारीकरण ने कॅरियर के क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाई है। रोज़गार और कॅरियर के चयन के अवसर काफी बढे हैं। कॅरियर के क्षेत्र में संभावनाएं हर दिन विकसित हो रही है। इसका लाभ लेने के लिए यह ज़रूरी है की युवा और उनके अभिभावक अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएं, युवा सही अवसर और सही क्षेत्र की पहचान करें और उसके अनुरूप खुद की क्षमता को विकसित करें तथा अभिभावक अपने बच्चों को अपनी क्षमता और रूचि के मुताबिक कॅरियर चयन की आज़ादी दें। अभी व्यवाहरिक तौर यही देखा जा रहा है की अधिकांश च्योइस की जगह चांस की आधार पर कॅरियर अपनाते हैं और माता-पिता भी पुराने तर्ज़ पर बच्चों को स्कूल और कॉलेज की औपचारिक शिक्षा पूरी करने का दबाव देते हैं। यह सोच समय के अनुकूल नहीं है। इसलिए दोनों खुद को बदलें और इस बदलाव में कॅरियर काउंसिलर की मदद लें। दुनिया में हर क्षेत्र में तेज़ी से बदलाव आ रहा है और इस बदलाव के साथ बेहतर कॅरियर पाने के लिए काउंसलर की मदद लेने में ही अकलमंदी है।
काउंसिलिंग की सही वक़्त को जानें
एक बड़ा सवाल है की काउंसिलिंग का सही वक़्त किया हो? कब काउंसेलर की मदद लेनी चाहिए? दरअसल, कॅरियर काउंसलिंग का सही समय वह है, जब बच्चे आगे राह चुनने की दहलीज़ पर होते हैं, आम तौर पर इसे हाई स्कूल यानि नवीं और दसवीं माना जाता है, जब एक छात्र के लिए स्ट्रीम चेंज करने का समय होता है, यही यह वक़्त होता है, जब उसे सही और सतत दिशा-निर्देश की ज़रूरत होती है। अक्सर अभिभावक इसी वक़्त उसका साथ यह मान कर छोड़ देते है की यह स्वाभाविक रूप से अपने भविष्य का निर्णय ले, ऐसे में वह दूसरों को देखकर कोई राह चुनता है, जबकि अभिभावक को यह सोचना चाहिए की वो इस समय उसके सबसे करीब रहें, उसे कॅरियर संबधी गाईड़ेंस प्रोवाइड कराएँ और उसे मोटीवेट करें, यह गाईड़ेंस और मोटिवेशन सब्जेक्ट के चुनाव से लेकर आगे की तैयारी और कॅरियर के चयन तक में ज़रूरी है, यहाँ चयन की मामले में भूल होगी, तो उसका प्रभाव पुरे करियर पर पड़ सकता है, इसलिए इसमें प्रोफेशनल काउंसेलर की मदद ली जानी चाहिए, वे मनोवैज्ञानिक परीक्षण और मूल्यांकन के आधार पर छात्र की क्षमता, प्रतिभा और अभिरुचि के आधार पर उनका मार्गदर्शन करते हैं।
नये क्षेत्रों की जानकारी लें
एक अभिभावक और एक काउंसेलर में बुनियादी अंतर यह होता है की अभिभावक को कॅरियर के नए क्षेत्र की उतनी जानकारी नहीं होती, जितनी एक प्रोफेशनल काउंसलर को होती है, जबकि कॅरियर के नए उभरते क्षेत्र की ताजा जानकारी करियर चयन और मार्गदर्शन में निर्णायक भूमिका निभाती है, इसलिए काउंसलर से कॅरियर के नये क्षेत्र की जानकारी हासिल करें, वह आप को वैसे सब्जेक्ट या उभरते क्षेत्रों के बारे में भी बताएगा, जिसमें आप अनजान हैं, या भी संभव है की आप ने उस फील्ड के बारे में कभी सोचा ही नहीं हो, यह मार्किट ट्रेंड के बारे में बतायेगा और अच्छा इंस्टिट्यूट चुनने में भी मदद करेगा। सब्जेक्ट पसंद का होने पर छात्र अपनी पसंद की राह पर बढ़ तो सकते हैं, लेकिन इस गला काट प्रतिस्पर्धा की दौर में अच्छे इंस्टिट्यूट का चुनाव नहीं हुआ, तो आगे बड़ी बाधा आ सकती है। इसके विपरीत अगर अच्छे इंस्टिट्यूट का चयन किया जाया है, तो छात्र दूसरों पर बढ़त ले सकतें हैं, आप मैनेजमेंट, लॉ, फैशन टेक्नोलॉजी, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, खेल आदि के क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाएं ज्यादा बढ़ी है और युवाओं की रुझान भी बढा है, इन क्षेत्रों में पैसे भी अधिक है, इनमें से किसी क्षेत्र में जाने के लिए काउंसलर की सलाह कारगर होती है।
कॅरियर का चयन इस प्रकार करें
कॅरियर का चयन हर व्यक्ति या युवा का अपना अधिकार है, वह जीवन किस तरह जीना चाहता है? उसके जीने का मकसद क्या हो? यह सब उसके खुद के अधिकार का विषय है, किन्तु कॅरियर के क्षेत्र में जो नई अवधारणा विकसित हुई है, उसमें इन विषयों में भी व्यक्ति को पूर्ण स्वतंत्र नहीं माना जाता है, क्योंकि कहीं-न-कहीं हर व्यक्ति जीवन कई दूसरे लोगों के जीवन और भविष्य से जुड़ा होता है। इसलिए विशेषज्ञ यह राय देते है की कॅरियर का चयन हमेशा एक ट्रस्टी की तरह होना चाहिए, जिस पर परिवार, समाज और राष्ट्र का दायित्व होता है, कोई युवा केवल स्वयं को केन्द्र में रख कर कॅरियर चयन नहीं कर सकता, दूसरी बात की कॅरियर का जो क्षेत्र वर्तमान में महत्वपूर्ण है, उसका भविष्य भी उतना ही महत्वपूर्ण रहेगा या नहीं। इसका मूल्यांकन बेहद ज़रूरी है, इसलिए विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि हर छात्र को वर्तमान में उपलब्ध अवसरों एवं भावी अवसरों का विश्लेषण करना चाहिए। इसमें अपनी प्रतिभा, क्षमता, रूचि, आवश्यकता और जीवन के लक्ष्य को ध्यान में रख कर अवसर को जांचना चाहिए, उसके बाद कोई निर्णय लेना चाहिए। इस काम में एक प्रोफेशनल काउंसेलर आपके लिए सही मददगार साबित हो सकते हैं। (लेख में लेखक के अपने विचार हैं)
मधुमिता कुमारी
निदेशक सह मनोवैज्ञानिक
94727 64193