सीढ़ियां : वास्तु अनुसार

सीढ़ियां सफलता की ओर जाती है, और सीढ़ियां ही नीचे ओर लाती हैं यह वाक्य ज्योतिषाचार्य रश्मि चौधरी ने वास्तु अनुसार समझाने के लिए 'डे लाइफ' के लिए एक आर्टिकल द्वारा समझाया, जिसमें उनका अपना अध्ययन है, उनके द्वारा लिखे गए सीढ़ियों से संबंधित वास्तु नियम क्या-क्या हैँ, आइए जाने इस लेख में :     



वस्तुतः मकान भवन आदि का निर्माण करवाते समय हम घर के लिविंग रूम , ड्राइंग रूम , पूजाघर , रसोई घर , शौचालय आदि से संबंधित वास्तु नियमों पर ही ध्यान देते हैँ किन्तु घर की सीढ़ियों से संबंधित वास्तु नियमों पर प्रथमतः तो ध्यान देते ही नही और अगर देते भी हैँ तो यदि उनमे कोई दोष होता है तो उसे यूँ ही नकार देते हैँ । लेकिन यदि घर की सीढ़ियाँ भी वास्तु नियमों के अनुसार बनाई जाएँ तो हमारे घर की सीढ़ियाँ हमारे लिए सफलता और कामयाबी की सीढ़ियाँ बन सकती हैँ । बस आवश्कता है घर की सीढ़ियाँ बनवाते समय वास्तु के नियमों का पालन करने की । फिर हम जीवन मे सुख , समृद्धि , खुशहाली सभी कुछ एक साथ पा सकते हैँ । 


मकान की सीढ़ियाँ हमेशा पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण की ओर ही होनी चाहिए । 
इस बात का भी ध्यान रखें कि जब सीढ़ियाँ पहली मंज़िल की ओर निकलती हों तो हमारा मुख उत्तर पश्चिम या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए ।
सीढ़ियाँ कभी भी उत्तरी या पूर्वी दीवर से जुड़ी नहीं होनी चाहिए । उत्तरी दीवर और पूर्वी दीवार तथा सीढ़ियों के बीच कम से कम तीन इंच की दूरी अवश्य होनी चाहिए । 
घर के उत्तर पूर्व या ईशान कोण मे सीढ़ियों का निर्माण कभी भी नहीं करवाना चाहिए । इस क्षेत्र मे सीढ़ियाँ बनवाने से स्वास्थ्य , धन और व्यवसाय मे हानि होती है , ग्रह स्वामी दिवालिया भी हो सकता है । 


घर के आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण पूर्व मे सीढ़ियाँ बनवाने से संतान के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । 
सीढ़ियाँ यदि घुमावदार या गोलाई मे बनवानी हों तो घुमाव सदैव पूर्व से दक्षिण , दक्षिण से पश्चिम , पश्चिम से उत्तर तथा उत्तर से पूर्व दिशा मे होना चाहिए । 
सीढ़ियों मे घुमाव चाहे कितने भी हों किन्तु इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम ही हो अर्थात 5,9,11,19 आदि । 
यदि घर के ऊपर का हिस्सा किराए पर देना हों और मकान मालिक को नीचे रहना हों तो ऐसी स्थिति मे सीढ़ियाँ कभी भी घर के सामने वाले हिस्से मे नहीं बनवानी चाहिए नहीं तो किराएदार को लाभ और मकान मालिक को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है । 
सीढ़ियों के आरम्भ और अंत मे एक द्वार अवश्य बनवाना चाहिए । 
एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी मे कम से कम 9 इंच का अंतर होना चाहिए । 
सीढ़ियों के दोनो ओर रेलिंग बनवाएँ तो बहुत अच्छा । 
सीढ़ियों की शुरुवात त्रिकोणात्मक रूप मे नहीं होनी चाहिए । 
सीढ़ियों के नीचे बैठक , पूजाघर या शौचालय कभी नहीं बनवाना चाहिए । 


सीढ़ियों के नीचे जूते चप्पल रखने का स्थान नहीं बनवाना चाहिए ऐसा करने से घर के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने मे दिक्कत आती है । 
सीढ़ियों के नीचे का स्थान खुला हुआ और साफ़ सुथरा होना चाहिए । 
सीढ़ियों संबंधित वास्तु दोषों को दूर करने के उपाय ----
 यदि घर बनवाते समय सीढ़ियों से संबंधित कोई वास्तु दोष आ रहा है तो उस स्थान पर बारिश का पानी एक मिट्टी के कलश मे भर कर मिट्टी की कटोरी से ढक कर जमीन के नीचे दवा दें । 
यदि ये भी संभव न हों तो घर संबंधी समस्त वास्तु दोषों को दूर करने के लिए घर की छत पर एक मिट्टी के बर्तन में सतनजा और दूसरे मिट्टी के बर्तन में पक्षियों के लिए पानी भरकर रख दें। इस उपाय से घर के वास्तु दोष तो दूर होते ही हैँ साथ ही सूर्य, चन्द्र, राहु, केतु और गुरु ग्रह भी शुभ फल प्रदान करने लगते हैँ। (लेख में लेखक का अपना अध्ययन और अपने विचार हैं) 



ज्योतिषाचार्य रश्मि चौधरी 
कोटद्वार (उत्तराखंड)
फोन : 9761712285