बेहतर जिंदगी का रास्ता बेहतर किताबों से होकर गुजरता है


ऐसे मिल सकता है कामयाबी का लड्डू.....



अंग्रेजी  में एक कहावत है ‘‘होप फाॅर द बेस्ट एंड प्रिपेयर फाॅर द वस्र्ट’’ यानी  हमेशा कल्पना अच्छी करो पर बुरी से बुरी स्थिति के लिए भी तैयार रहो। दरअसल असफलता का डर 90 प्रतिशत लोगों में होता है। आज शिक्षा का क्षेत्र ज्यादा व्यापक, चुनौतीपूर्ण और मेहनतकश हो गया है। ऐसे में असफलता का डर विद्यार्थियों को सालता ही रहता है। लेकिन इस वजहसे पढ़ाई छोड़ी तो नहीं जा सकती औन न ही उसमें टालमटोल किया जा सकता है। याद रखिए फंडा चाहे जितना बदले, स्थितियाँ चाहे जितनी विपरीत हों सफलता सदा हमारे साथ में ही रहती है। एक सफल विद्यार्थी के समीकरण आज भी वैसे ही हैं। अतः विद्यार्थियों को सफलता पाने के लिए कुछ बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए जैसे जरूरी है नियमितता एक सफल विद्यार्थी का सबसे जरूरी गुण है उसका प्रतिदिन का पढ़ाई का समय नियमित हो। टेस्ट वगैरह हो तो ज्यादा समय दे। यदि यह स्थिति सालभर बराबर रहती है तो आपका रिजल्ट भी अच्छा ही आएगा । परीक्षा के आते ही आपको कोई तनाव नहीं होगा। आप निडर होकर अपने पेपर पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाएँगे ।


मेहनत पर भरोसा रखें 
सफलता आपके कदम तभी चूमती है जब आपको अपने ऊपर पूरा भरोसा हो। यदि हम बड़े और महान लोगों को पलटकर देखें तो पता चलता है कि विपरीत स्थिति में भी उनमें कुछ पाने की तमन्ना इतनी मजबूत थी कि विजय हासिल हो कर ही रही । इतिहास भी इस बात का गवाह है कि बस इरादे बुलन्द हों तो कामयाबी पलक-पावडे बिछाकर आपकी राह देख रही है । अतः अपनी मेहनत पर अटल रहें । 
टीचर्स की राय लेते रहें। यदि कुछ समस्या है तो अपने टीचर्स से मदद अवश्य लें । ‘फिर कर लेंगे’ या किसी पर आश्रित होने की आदत न डालें । हाथों-हाथ निराकरण करने से आगे पढ़ने में आसानी होती है । अतः बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी समस्या का समाधान करें।


टाइम-टेबल को प्रमुखता दें
अपने बनाए टाइम-टेबल को सबसे ज्यादा अहमियत दें। फिर चाहे उस वक्त आपके दोस्त गपशप के लिए आ गए हों या आपके लिए टाइम पास जैसी बातों के लिए फोन आ गया हो तो भी माफी माँगते हुए बाद में बात करने की बात कहें । अपने प्रति कठोरता रखना भी कभी-कभी जरूरी होता है। यह बात आपको एक सफल विद्यार्थी बनने में सहायक होगी।


दृढ़ रहें
खुली  आँखों से नहीं, मन की आँखों से अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत रखें।  जो सोचा है उस बात पर तथा अपने आप पर भरोसा करें। आप जिस फील्ड में आगे बढ़ना चाहते हैं उसकी पूरी जानकारी रखें । जरा-सी असफलता से घबराएँ नहीं। पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ें। भरोसा रखें। फिर देखिए मेहनत अपना रंग कितना गाढ़ा छोड़ती है। महात्वाकांक्षा होना अच्छी बात है पर उसके पीछे परेशान होना ठीक नहीं है। इसलिए अपना लक्ष्य स्पष्ट रखे।


नियम-कायदों से वाकिफ रहें
आपके सालाना पेपर हों या टेस्ट जो भी हों, उसकी पूरी जानकारी रखें। नम्बर काउन्ट होते हैं या नहीं ? पेपर कैसे आते हैं ? नम्बरों की प्लानिंग कैसे होती है ? ये सुनने में छोटी-छोटी बाते हैं, पर इनके न मालूम होने से भी कई बार मुसीबतें आ जाती हैं। टाइम-लिमिट के अनुसार लेखनी तय करें। अपने प्रश्न-पत्र को हल करते समय इस बात का पूरा ध्यान रखें कि कितने मिनटों में कौन-सा प्रश्न करना है। टाइम-लिमिट बनाने में मुश्किल से 5 मिनट लगते  हैं पर आप अपने लिखने की रफ्तार उसी हिसाब से घटा-बढ़ा सकते हैं। लेखनी की रफ्तार का ध्यान रखना एक अच्छे विद्यार्थी की निशानी है। 
स्व-अवलोकन भी करते रहें
‘मुझे तो सब आता है’, ‘मेरा पेपर तो बहुत बढ़िया गया है’। ऐसा सभी कहते हैं। ऐसा कहें पर अपने आपको भी तो उस हिसाब से तैयार करें। घर में टेस्ट पेपर बनाकर अपनी तैयारी खुद करें। टाइम-लिमिट के अनुसार उसे हल करें। देखें कि कहाँ चूक हुई है। परीक्षा हाॅल में ऐसी मेहनत जादू दिखाती है इसलिए स्वयं का अवलोकन जरूरी है।


लाइब्रेरी में पढ़ने की आदत डालें
लाइब्रेरी में पढ़ने की आदत आपको अच्छा विद्यार्थी साबित करने के अलावा किताबों से आपकी दोस्ती भी करवाती है। कहते हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रूजबेल्ट एक दिन में तीन किताबें पढ़ लेते थे। तो नई-नई किताबें पढ़िए। अपने नोट्स खुद बनाकर सटीक उत्तर लिखने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। कहा भी गया है कि ‘बेहतर जिंदगी का रास्ता बेहतर किताबों से होकर ही गुजरता है।’


 रेणु जैन


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