सचिन पायलट ने 20 करोड़ की वार्षिक कार्य योजनाओं का अनुमोदन किया 


(डे लाइफ डेस्क)
जयपुर। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने डांग, मगरा एवं मेवात क्षेत्रीय विकास योजनाओं से संबंधित जिला कलेक्टर्स एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों  को निर्देश दिये है कि वे प्रगतिरत विकास कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर कार्यों को पूर्ण करने में तेजी लायें और अप्रारम्भ कार्यों को अविलम्ब शुरूकर वित्तीय वर्ष के समापन से पूर्व पूरा करवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में पर्याप्त बजट का प्रावधान कराया जा सके।


पायलट राजस्थान शासन सचिवालय में ग्रामीण विकास की डांग, मगरा एवं मेवात क्षेत्रीय विकास योजना मण्डलों की राज्य स्तरीय बैठक में अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डांग, मगरा एवं मेवात विकास बोर्ड की वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2019-20 का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया जिसमें डांग क्षेत्रीय विकास योजना में 606 लाख रुपए के 273 कार्यों, मगरा विकास बोर्ड में 769 लाख रुपए के 192 कार्यों तथा मेवात विकास बोर्ड में 620 लाख रुपए के 235 कार्यों का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।


उप मुख्यमंत्री पायलट ने सम्बन्धित जिला कलेक्टर्स एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने क्षेत्र में जन प्रतिनिधियों को साथ लेकर प्रगतिरत कार्यों का मौका मुआयना करें व कार्याें में गति लायें। साथ ही साप्ताहिक आधार पर निरन्तर प्रगति की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि डांग, मगरा एवं मेवात योजना में राज्य स्तर पर आरक्षित 19 प्रतिशत राशि की योजना का अनुमोदन संबंधित सांसद एवं विधायकों से विचार-विमर्श कर किया जाएगा। 


पायलट ने बताया कि डांग क्षेत्रीय विकास योजना प्रदेश के पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी जिलों के दस्यु प्रभावित डांग क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक एवं आधारभूत विकास के लिए शुरू की गई है। इसमें भरतपुर, बांरा, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, करौली एवं सवाई माधोपुर जिले की कुल 22 पंचायत समितियां शामिल है। राज्य के दक्षिण मध्यीय जनजाति उपयोजना क्षेत्र में अजमेर, भीलवाड़ा, चितौड़़गढ़, राजसमंद एवं पाली जिलों की 14 पंचायत समितियां शामिल है जो छोटी-छोटी पर्वत श्रृंखला से घिरा है इसलिए इस क्षेत्र को मगरा क्षेत्र कहा जाता है। मगरा योजना ग्रामीण आधारभूत सुविधाऎं विकसित करने हेतु शुरू की गयी है। उसी प्रकार मेवात योजना अलवर एवं भरतपुर जिले के मेव बाहुल्य क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने हेतु शुरू की गयी है, जिसमें 11 पंचायत समितियां शामिल है।