योग के द्वारा आंतरिक विकार दूर 


(डे लाइफ इनबॉक्स)


भीलवाड़ा। भीलवाड़ा कारागार में योग शिविर लगाया गया और  दुनिया भर में कैदियों को सजा काटने के बाद समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए तमाम सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं। इसी पहल पर मेरी पहल संस्था व लाडो स्पोर्ट्स द्वारा आयुष विभाग के सयुक्त तत्वावधान में भीलवाड़ा जिला काराग्रह में योग शिविर का आयोजन किया गया। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष गिर्राज सिंह शेखावत ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य जेलों को सुधार गृहों में बदलने में जेल अधिकारियों को सहायता पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि संस्था की योजना इस कार्यक्रम को जिले के अन्य जेलों में भी शुरू करने की और तथा कैदियों के मानसिक व शारीरिक स्तर में सुधार लाने में मदद करने की है। साथ ही कैदियों को सकारात्मक सोच लाने के लिए कॉउंसलिंग करना जरूरी है और सरकार से कारागार में काउंसलिंग सेंटर चालू करने की मांग करेंगें जिससे दिन प्रतिदिन बढ़ रही घटनाओं को रोकने में आसानी हो सके।


शेखावत ने बताया कि महात्मा गांधी चिकित्सालय में कार्यरत आयुष योग अनुदेक उमा शंकर शर्मा जेल में कैदियों को योग सिखा रहे योगी शर्मा के अनुसार योग के माध्यम से कैदियों की सोच और विचारधारा में परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाता है। योग और ध्यान के माध्यम से उन्हें मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है जिससे वेह पुनः किसी आपराधिक कार्यों में लिप्त न हों। लाडो स्पोर्ट्स ऐकैडमी अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि योग के पहले गुरु भगवान शिव है। योग का मूल भाव यही है कि इन सब बातों को नष्ट कर दिया जाए जो पहले तो आपको अच्छी लगती है। लेकिन बाद में वही आप की उलझन का कारण बनती है। इसीलिए आज आपके समक्ष योगाचार्य डॉ उमाशंकर जी आपको योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं कि किस तरह नियमित योगाभ्यास द्वारा हम हमारे मन और शरीर को मजबूत बना सकते हैं योग के द्वारा ही हम हमारे भीतर जो बुरे विचार या विकार हैं।
  
उसका नाश कर सकते हैं व्यायाम करने से शरीर मजबूत होता है लेकिन योगाभ्यास द्वारा हमारा शरीर भीतर से मजबूत होता है आपने जो भी अपराध किया है। उसका प्रायश्चित करने का सबसे उत्तम स्थान जेल है यहां रहकर आप योगाभ्यास द्वारा नियमित योग कर अपने मन के अंदर जो भी  कुविचार है। उनको नष्ट करें और जब यहां से बाहर निकले तो भारत के अच्छे नागरिक बन कर बाहर निकले। कारागार के अधीक्षक  भैरु सिंह राठौड़ ने बताया कि अधिकांश कैदियों ने इस कार्यक्रम की सराहना की है। जेल अधिकारियों को पूरी उम्मीद है कि इससे कैदियों के विचार और व्यवहार में बदलाव आएगा।  शिविर में उपकारापाल महेंद्र सिंह, मुख्य प्रहरी अजित सिंह, प्रहरी बजरंग लाल, मुकेश कुमार शर्मा संस्था उपाध्यक्ष, केदार वैष्णव कोषाध्यक्ष का सहयोग रहा।