(डे लाइफ डेस्क)
भारतीय जीवन पद्धति विश्व में सर्वश्रेष्ठ पद्धति है। यहाँ का आहार-विहार भी यहाँ की जलवायु के अनुकूल है। परन्तु हमने पाश्चात्य संस्कृति को अपना लिया व सात्विक भोजन छोड़कर जंक-फ़ूड खाना आरम्भ कर दिया। रात को देर से सोना और सुबह देर से उठना शुरू कर दिया | योग-प्राणायाम छोड़ कर क्लब और जिम जाना शुरू कर दिया | इन आदतों ने हमारी दिनचर्या को बिगाड़ दिया। यदि हम थोड़ा अनुशासन अपने जीवन में ला सकें और अपनी संस्कृति को फिर अपना लें तो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी हम ये अनमोल उपहार बचा कर रख पायेंगे।
हम टी.वी. और मोबाइल का मोह छोड़ कर जल्दी सोयें और जल्दी उठें, ध्यान-प्राणायाम करें, अपनी दिनचर्या को नियमित करें। दो-चार दिन आपको परेशानी होगी, लेकिन हमारे शरीर में एक घड़ी होती है, जो जल्दी सोने और सुबह जल्दी समय पर उठने के लिए आपको विवश कर देगी। सुबह के नाश्ते में पोहा-दलिया लें, परांठे या बिस्कुट से परहेज करें। खाने में दाल, हरी सब्जी, चपाती खाएं और स्वस्थ रहें। दोपहर में ताजे फल खाएं। शाम का भोजन हल्का लें। इस प्रकार आप स्वस्थ जीवन-शैली अपनाएंगे तो आप स्वस्थ और सुखी रहेंगे।
लता अग्रवाल
चित्तौडगढ