सात जन्म का मान बढ़े


daylife.page


जय हिन्द


जब रणभेदी टंकार  बजे
घर घर से हुंकार उठे
विजयभाल पे खूब सजे
और जय-जय-जय गूंज उठे


नयी सुबह का सूरज निकले
उत्सव का उपहार लिए
मंदिर में घड़ियाल बजे
और जय -जय का उद्घोष उठे
वीरो की देहरी - देहरी श्रद्धा के फूल  चढ़े
नतमस्तक उन चरणों  पे जिनके लालो के शीश चढ़े
सूर्य  शिखर पर देखो भारत माँ के लाल खड़े
सारा भूमण्डल भारत माँ की जयघोषों से हुंकार उठे


नन्हें -नन्हे वीरो के मन में नूतन उल्लास जगे
धर्म ध्वजा लेकर बच्चा-बच्चा चलने लगे
नयी कहानी लिखने को भीतर से हुंकार उठे
जय जय जयकार उठे


अन्तस के सारे घाव ढके
सात जन्म का मान बढ़े
शौर्य चुनर माथे से ओढे बहुएं भी ललकार उठे
जय जय जय गूंज उठे


वंदेमातरम



लेखिका : ममता सिंह राठौर
गाज़ियाबाद