राज्य सभा से पारित कृषि सुधार बिल से किसानों का अहित ही होगा 


लेखक : डा. रक्षपाल सिंह चौहान


(लेखक प्रख्यात शिक्षाविद और आगरा विश्व विद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।)


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अलीगढ़। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डा .रक्षपाल सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार के कृषि सुधार बिल को किसान विरोधी करार दिया है। श्री चौहान ने इस बारे में कहा है कि  राज्यसभा में  पारित कृषि सुधार बिल  किसानों की उपज को बेचने के मार्ग में बड़ी मुश्किलें बढ़ाने वाला है एवम् यह उनके लिये अहितकर साबित होगा । इस बिल का फायदा व्यापारी एवं बहुत बड़े कुछ किसान ही उठाएंगे। असल में देश में 90 फीसदी से अधिक छोटे किसान हैं । उन्हें तो अपनी पैदावार घर में आते ही बेचनी पडती है और अच्छे दाम पाने के लिये वे दूर की मंडियों व बाज़ारों में भी नहीं पहुंच सकते। और यदि वे वहां पहुंच भी जायें तो अपनी फसल का मूल्य पाने हेतु दो-चार दिन रुक नहीं सकते। और तो और यदि वह मज़बूरी में रुक भी जायें तो पेमैंट में होने वाली टालमटोल को वरदास्त नहीं कर सकते। एक किसान का बेटा होने के नाते उक्त दुश्वारियों को हमने स्वयं झेला है।


दु:ख इस बात का है कि इन दुश्वारियों की ओर से आंखें मूंदकर एनडीए सरकार इस बिल के लागू होने के बाद किसानों को होने वाली भारी परेशानियों के बारे में अनुमान ही नहीं लगा पारही है। विडम्बना देखिए कि सरकार इस बिल के फायदे के सब्ज़बाग दिखा रही है , लेकिन किसान वर्ग तो  अपनी फसल के  एम एस पी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य से ही संतुष्ट है। डा .सिंह ने कहा है कि सरकार  एम  एस  पी पर किसानों की पैदावार को खरीद कर और ज्यादा दामों पर बेचकर स्वयं कमाई कर सकती है लेकिन वह तो किसानों को मुश्किलों की ओर धकेलने पर आमादा है। (लेखक के अपने विचार हैं)