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इंदौर। औरत एक ऐसा शब्द जिसे इस सृष्टि का रचियता कहा जा सकता है। रचियता जो रचना करती है मनुष्य की, समाज की और संस्कारों की। हमारे समाज में ऐसी कई रचनात्मक महिलाएं है जो न केवल अपनी घर-गृहस्थी अच्छे से चला रही है बल्कि समाज के लिए भी आगे बढ़कर निस्वार्थ भाव से काम कर रही है। ऐसी ही समर्पित नारियों को सम्मान देने के लिए ट्रूपल.कॉम लाया है एक नई पहल 'दिस इज शी'.
'दिस इज शी' इस पहल के बारे में समझाते हुए ट्रूपल.कॉम के को-फाउंडर अतुल मलिकराम ने कहा "समाज में लोगों के मन में यह भ्रान्ति फैली हुई है कि एक हाउस वाइफ घर के कामों के अलावा कुछ और नहीं कर सकती। लेकिन हमारे आस-पास ऐसी भी महिलाएं मौजूद है। जिन्होंने न सिर्फ अपने घर परिवार को संभाला बल्कि आगे बढ़कर समाज के लिए भी काम किया। समाज के उत्थान में समाज के कल्याण में इन गृहणियों का योगदान अमूल्य है। और इतना सब करने के बावजूद ये डाउन टू अर्थ है, इनकी सरलता और सहजता को सम्मानित करने के लिए हम ये मंच 'दिस इज शी' लेकर आए है।
अमूमन आज के समय में बिजी दिनचर्या और घर के काम से समय निकालकर समाज के लिए आगे आना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है, लेकिन देश की गृहणियों ने घर पर रहकर ही समाज सेवा को अपना उत्तरदायित्व समझ कर इसका बड़ी ही निष्ठा से पालन किया है। बता दें कि 'दिस इज शी' अपनी तरह की एक अनोखी पहल है। 'दिस इज शी' के लाइव वेबिनार के दौरान इन समाजसेवी महिलाओं की कहानी को सुना जाएगा और इनके अनुभव भी शेयर किए जाएंगे। इन्हे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ही सम्मानित भी किया जाएगा। इस लाइव प्रोग्राम का आयोजन 5 नवंबर से ट्रूपल.कॉम के फेसबुक पेज और यू-ट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि ट्रूपल.कॉम इसके अलावा आत्मनिर्भर युवा, मेरी लाडो, ओपन माइक, सेकंड इनिंग जैसे समाज हित में कई अन्य वेबिनार प्रोग्राम का आयोजन भी कर रहा है।