सद्दीक अहमद
सम्पादक डे लाइफ
सम्मानीय पाठकों, लेखकों, पत्रकार साथियों एवं हम से जुड़े सभी शुभचिंतकों को "डे लाइफ" परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाओं के साथ "हैप्पी दिवाली"
दीपावली का नाम जेहन में आते ही खुशियों की मिठास आ जाती है। देश विदेश में रहने वाले भारतीय दीपावली के दिन एक दूसरे को शुभकामनाओं के साथ बहुत कुछ एक्सचेंज करते है। अनेक मज़हब, सम्प्रदाय के लोग एक साथ मिलकर इस पावन पर्व में शरीक होते हैं। कोविड-19 के चलते इस बार दीपावली का रंग बाज़ारों वैसा नहीं जैसा हर बार होता था। दिखने को बाज़ारों में भीड़भाड़ है लेकिन ज्यादातर लोग जरुरी सामानों की ही खरीददारी करते नज़र आए। अनेक मुस्कुराते चेहरे, अनेक सिमटी मायूसी के चेहरे देखते ही बयां कर देते हैं कि उन्हें बाजार में कितना खर्च करना है। शायद उनके चेहरों से यही आवाज़ आ रही है एक ये भी दिवाली है, एक वो भी दिवाली थी।
ख़ैर हिम्मते मर्दा मदद ए ख़ुदा को याद रखते हुए पिछले महीनों से जो वैश्विक महामारी के चलते लॉक डाउन, बेरोजगारी और घर बैठे रोजमर्रा का खर्च चलाना भी मुश्किल और ऊपर से हारी बीमारी का सताता डर। इन सबके बीच आते त्यौहार साफ संकेत है कि इस वर्ष सिर्फ घर रहकर, बीमारी से बचते हुए हम उनकी परम्पराएं ही मना रहें। कुदरत की ओर से हर दिन एक सा नहीं होता यह सोच कर हम अपने एवं अपने परिवार के साथ घर रहकर कोविड-19 के निर्देशों की पालना करते हुए इस बार खुशहाली की कामनाओं के साथ दीपावाली मनाएं ताकि अगली दीपावली से हम सभी फिर से उसी पुराने अंदाज़ में जमकर जश्न की दीपावली मना सकें।