आधुनिक काल और नवलेखन

लेखिका : रश्मि अग्रवाल

नजीबाबाद, 9837028700

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साहित्य के क्षेत्र में नवलेखन को परिभाषित करें तो आधुनिक साहित्य की नवीनतम प्रवृत्ति है। नवलेखन की प्रवृत्ति कविता में नयी कविता, नाटक में नयी पृष्ठभूमि, कथा क्षेत्र में समसामायिक विषयों तथा आलोचना क्षेत्र में नव सार संक्षेप में कलम चलाना आधुनिक नवलेखन प्रतीत होता है क्योंकि नये रचनाकार पूर्ण रूप से अपने नवीन मनोभावों को व्यक्त करने हेतु स्वतंत्र विचार रखते हैं।

विस्तृत रूप में न जाकर निष्कर्ष पर जायें तो आधुनिक काल में गद्य का विकास विविध रूपों में हुआ, उसमें बौद्धिकता, देश, प्रेम प्रतीकात्मकता, उपमानों की नवीनता आदि इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं।