डॉ. पी.डी. गुप्ता जिनके जन्मदिन को अनेक शख्सियतों ने बना दिया यादगार

सद्दीक अहमद की रिपोर्ट

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 जयपुर। इंसान ज़िन्दगी में कब किसको सही रास्ता बताता है, ऑब्लाइज करता है, अपना कर्तव्य समझकर किसी की मदद करता है। इन कार्यों को इंसान कभी भूलता नहीं। खास तौर पर वह व्यक्ति जिसकी ज़िन्दगी किसी की सलाह, गाइडेंस, परामर्श से बदल जाती है। उसके लिए तो वह शख्स पिता से भी ऊपर अपना स्थान बना लेता है। जिसे वह इंसान हर पल याद करता है और उनके बेहतर भविष्य एवं बेहतरी के लिए दुआएं करता है। ऐसा ही एक वाकया मेरे सामने सीटीआर पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित जर्नल सेल एंड टिश्यू रिसर्च के ऑनलाइन एंड प्रिंटेड पब्लिकेशन के दिसम्बर के अंक में सामने आया। जिसमें अनेक पूर्व स्टूडेंट, सहयोगी, विभागीय लोग जो आज खुद भी बहुत बड़ी सोच के धनी, खुद जानीमानी शख्सियत बन चुके हैं लेकिन उस गुरू, प्रेरणादायी इंसान को नहीं भूले जिन्होंने कभी न कभी, कहीं न कहीं मार्गदर्शन किया। उस शख्सियत का नाम है डॉ. पी.डी. गुप्ता।  इनका 81वां जन्मदिन कुछ अलग अंदाज़ में जर्नल सेल एंड टिश्यू रिसर्च के अंक में मनाया। शायद यह एक अलग अंदाज़ में मनाया गया जन्मदिन और डॉ. गुप्ता के जन्मदिन के लिए शुभकामनाएं भी है।

 

विज्ञान और रिसर्च के क्षेत्र जाने मानी शख्सियत डॉ. पी.डी. गुप्ता आज भी अपने समय का उपयोग रिसर्च और अध्ययन में बिताते हैं ताकि आने वाली जनरेशन को भी उनके द्वारा किये गए कार्यों का लाभ मिल सके। देश विदेश की विज्ञान युनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को अपने लेक्चर, संवाद से काफी कुछ ज्ञान देने वाले डॉ. गुप्ता ने कोरोना काल में घर में रहते हुए भी कोविड-19 पर अपने अनेक लेख अवाम के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषाओँ में लिखे जिन्हें दुनिया की जानी मानी रिसर्च गेट वेब साइट ने प्रमुखता से पब्लिश किया। साथ ही अनेक हिंदी के पत्र-पत्रिकाओं के साथ वेबसाइट के जरिए भी अवाम लोगों तक पहुंचे। कोरोना से अपने आपको कैसे सुरक्षित रखे और क्या करे जैसी सलाह एवं "कोरोना ज्ञान" नामक पुस्तक भी इस समय में लिख डाली। जिसे कैप्रीकॉर्न पब्लिशिंग हाउस ने प्रकाशित किया। ऐसी शख्सियत को कौन सलाम नहीं करता और कोरोना काल में आये 81वें जन्मदिन को यादगार क्यों नहीं बनाते।

डॉ. पी.डी. गुप्ता की शख़्सियत को सलाम और शुभकामनाएं देने वाले खुद भी आज कम नहीं। वे भी अपने क्षेत्र में अपना विशेष मक़ाम रखते हैं सर्वप्रथम जर्नल सेल एंड टिश्यू रिसर्च के एडिटर इन चीफ पीपी सूद का नाम लेना चाहूँगा जिनकी नज़र हमेशा पारखी लोगों पर रहती है और पीपी सूद रिसर्च के बारे में अपने एडिशन्स में एक से एक आला शख्सियत को स्थान देते रहे हैं। जिन्होंने खुद डॉ. गुप्ता के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए उनके कुशल भविष्य, स्वस्थ रहने की कामनाओं के साथ विज्ञान क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग की भी सराहना की। जर्नल सेल को देखने से पता लगता है कि पहला भारत सहित दुनिया के प्रसिद्ध इंस्टीटूशन्स से आलेख आए और दूसरा सभी लेखक अपने-अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं।

वहीँ प्रो चांसलर मणिपाल अकादमी से डॉ. एच.एस. बलाल जिन्होंने डॉ. गुप्ता के साथ मेडिकल फिल्ड की कई किताबें भी लिखी हैं, मणिपाल से डॉ. एन. उदुपा, कनाडा यूनिवर्सिटी से डॉ. रविराजा एन सीताराम, पोलैंड से डॉ. बारबरा सेविका, पुर्तगाल से डॉ. मारिया, मद्रास यूनिवर्सिटी से डॉ. के. पुशकला, तमिलनाडु से डॉ. युवराजन, न्यूयार्क से डॉ. अल्पना गुप्ता, बैंगलोर से डॉ. योगेश्वरी सुब्रमण्यम, गुजरात से डॉ. आशीष पटेल, जयपुर से न्यूरोलॉजिकल क्षेत्र में की जानीमानी शख्सियत डॉ. सुरेश गुप्ता जो कि न्यूरो फिजिशियन हैड ऑफ द डिपार्टमेंट न्यूरोसाइंसज, वर्तमान में चेयरमैन ऑफ़ डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोसाइंसज इटरनल हॉस्पिटल (EHCC) जयपुर में अपनी सेवाएं दे रहें हैं, नई दिल्ली से डॉ. प्रांजल गुप्ता, हैदराबाद से डॉ. अशोक खर, मणिपाल यूनिवर्सिटी से डॉ. एस.एम. अब्दुल कादर, मणिपाल यूनिवर्सिटी से ही डॉ. रघुवीर पाई, हैदराबाद से डॉ. विजय लक्ष्मी वेंकटेसन, NIH USA से डॉ. अब्दुल वाहिद, केलिफोर्निया से मृदुअल गुप्ता, सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म में विशेषता रखने वाली राधिका भार्गव, जर्मनी से प्रोफ़ेसर डॉ. ललित मोहन श्रीवास्तव, उदयपुर से डॉ. सिमी सूद और डॉ. आशीष सूद, नोएडा से डॉ. शालिनी त्यागी।

पद्म श्री डॉ. सुमन सहाय बर्रलॉग अवार्डी भी है, आउटस्टेंडिंग वीमेन अचीवर अवार्ड, आर्डर ऑफ़ दी गोल्डन आर्क ऑफ़ दी नीदरलैंड से भी नवाजी गई हैं। सुमन सहाय भारतीय प्लानिंग कमीशन की कृषि क्षेत्र में एडवायजरी कमेटी की सदस्य भी रही है। इन्होंने डॉ. गुप्ता के साथ अपनी एकेडमिक यात्रा आल इण्डिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से शुरू की थी आपने भी डॉ. गुप्ता को उनके अपना बधाई सन्देश भेजा है।