मशहूर आर्ट डायरेक्टर जयंत देशमुख ने ‘येशु’ के लिये अनूठा ओपन-एयर सेट बनाया


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मुम्बई। एण्डटीवी के शो ‘येशु’ का जल्द ही चैनल पर प्रीमियर किया जाएगा। इस शो में असाधारण रूप से येशु नामक परोपकारी बच्चे की अनकही और अनसुनी कहानी को बयां किया जाएगा। चूंकि, चैनल पीरियड ड्रामा के नये जोनर में काम करने जा रहा है और यह एक खास युग को चित्रित करेगा, तो लोकेशन का लुक और फील भी वैसा होना चाहिये, जिससे शो की खूबसूरती और आकर्षण बढ़ेगा। 

एक ओपन-एयर थीम के साथ खासतौर से बने सेट के कारण यह शो देखने लायक होगा। जाने-माने आर्ट डायरेक्टर जयंत शंकर देशमुख पूरे सेट को सांस्कृतिक और भारतीय रंगों से सजा रहे हैं। शूट लोकेशन के लुक और फील पर ज्यादा जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने असली जिंदगी के कई तत्वों को जोड़ने और उन्हें रील लाइफ में दिखाने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है। विभिन्न लोकेशंस का दौरा करने से लेकर अभी के लोकेशन को तय करने तक; यह एक लंबी और थकाने वाली प्रक्रिया थी, क्योंकि हम चाहते थे कि उस जगह की हर चीज सही हो। पूरे सेट पर सही मात्रा में प्राकृतिक रौशनी और पूरे सेट-अप में लचीलापन होना महत्वपूर्ण था और इसलिये जब हमने इस लोकेशन को देखा, तो ऐसा लगा जैसे यह जगह पहले से ही स्वर्ग से बनकर आई हो और यह येशु की शूटिंग के लिए एक परफेक्ट लोकेशन थी।’’ 

फिल्म और टेलीविजन उद्योग के दिग्गज जयंत केवल सर्वश्रेष्ठ के साथ ही काम करते हैं और वह भी सबसे पर्यावरण-हितैषी सामग्रियों से। जयंत देशमुख ने विस्तार से समझाते हुए कहा, ‘‘प्राॅप्स और सामग्रियों के मामले में मैंने खुद को पीओपी या थर्मोकोल तक सीमित नहीं रखा है। मैंने इन सामग्रियों के प्राॅप्स का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया है, क्योंकि वे बहुत कठोर होते हैं और उनके दोबारा इस्तेमाल की संभावना कम होती है। अधिकांश दृश्य खुले सेटअप में शूट किये गये हैं और मैंने मुख्य राॅ मटेरियल के तौर पर रबर को चुना है, क्योंकि उसकी माॅल्डिंग और रिमाॅल्डिंग बहुत आसानी से हो जाती है। कलाकार अपने किरदारों को निभाते हुए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कहानी और पटकथा के साथ पूरा न्याय करने में सेट की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। मैंने कई किताबें पढ़ीं, कई किस्मों की तस्वीरें देखीं और शो के लुक और फील के हिसाब से येशु का सेट डिजाइन किया। यह मेरे पिछले कामों से बहुत अलग है और इसलिये मैं बहुत उत्साहित हूं और मुझे दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने का भी बेसब्री से इंतजार है।’’

जयंत के पास कई हुनर हैं और उन्हें अपने काम के लिये विगत वर्षों में लोगों की सराहना और समीक्षकों की मान्यता मिली है। जयंत का कॅरियर 25 वर्ष से ज्यादा समय का है, उन्होंने साल 2011 में प्रोडक्शन डिजाइनर के तौर पर अपना डेब्यू किया था और बाॅलीवुड की फिल्मों के सर्वश्रेष्ठ में से कुछ सेट बनाए है। 

अरविंद बब्बल प्रोडक्शंस प्रा. लि. द्वारा निर्मित एण्डटीवी का ‘येशु’ विशेष रूप से एक परोपकारी बच्चे की कहानी है जो सिर्फ अच्छाई करना चाहता है और अपने आस-पास खुशियां फैलाता है। सभी के लिए उसका प्यार और करुणा उन बुरी, शैतानी शक्तियों के लिये बिल्कुल विपरीत हैं, जो उनके जन्म और बचपन के दौरान मौजूद थीं। अपनेे परिवार और समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। दूसरों की मदद करने और उनके दर्द को कम करने की कोशिश अक्सर उन्हें उस राह पर ले जाती थी जहां वह निश्चित रूप से आहत होते थे और न सिर्फ उत्पीड़कों बल्कि बड़ी संख्या में दूसरे लोगों द्वारा भी उनकी निंदा की जाती थी। लेकिन आखिरकार ये चीजें भी उन्हें उनके रास्ते पर चलने से नहीं रोक पाईं। येशु की कहानी अच्छाई बनाम बुराई के बीच की सिर्फ एक आदर्श कहानी ही नहीं है, बल्कि यह येशु और उनकी समर्थक एवं मार्गदर्शक बनीं उनकी मां के बीच के खूबसूरत रिश्ते को भी दर्शाता है।