अलग-अलग आस्ति श्रेणियों के विविध पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने के बदले ये फंड्स निवेश के प्रति एकांगी दृष्टिकोण दर्शाते हुए चार आस्ति श्रेणियों के साथ एक पोर्टफोलियो का प्रबंधन की पेशकश करते हैं
एनएफओ के आरम्भ की तारीख : 19 फरवरी, 2021. एनएफओ बंद होने की तारीख : 5 मार्च, 2021.
आवंटन तिथि : 12 मार्च, 2021
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मुंबई। मोतीलाल ओसवाल असेट मैनेजमेंट (एएमसी) ने दो नए फंड्स मोतीलाल ओसवाल एसेट अलोकेशन पैसिव फंड ऑफ फंड (एग्रेसिव) और मोतीलाल ओसवाल एसेट अलोकेशन पैसिव फंड ऑफ फंड (कंजरवेटिव) को लॉन्च किया है। ये फंड ऑफ फंड डिजिटल पार्टनर ग्रो एप पर भी उपलब्ध हैं।
‘निवेशक प्रथम’ की नीति के मुताबिक ही मोतीलाल ओसवाल एएमसी की तरफ से लॉन्च किया गया देश का पहला 100 फीसदी पैसिव मल्टी असेट फंड ऑफ फंड्स इक्विटी (शेयर), अंतरराष्ट्रीय इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और कमोडिटी समेत चार आस्ति श्रेणियों में निवेश पर आधारित होगा। यह निवेशकों को बेहद कम लागत और विविधतापूर्ण असेट (जिसमें अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश किया गया हो) का लाभ उठाने का मौका देगा जो किसी निवेशक-विशेष की जोखिम उठाने की क्षमता या उनके वित्तीय लक्ष्यों के मुताबिक होगा। मॉडरेट (न ज्यादा न कम जोखिम) पोर्टफोलियो की तलाश वाले निवेशक दोनों फंड में 50:50 के अनुपात में निवेश कर सकते हैं। दोनों फंड्स परंपरागत रूप से कम सहसम्बद्ध आस्ति श्रेणियों में निवेश करने के फायदे पर आधारित हैं।
रणनीतिक संतुलन और बाजार जोखिम को कम करने की नीति इन दोनों फंड्स को अधिकांश मल्टी असेट हाईब्रिड स्कीम से अलग करती है। इसमें किसी भी तरह का फंड मैनेजर रिस्क या क्रेडिक रिस्क शामिल नहीं है। इक्विटी आधारित हिस्सा (निफ्टी 500) आकार और सेक्टर आधारित पूर्वाग्रह को समाप्त करता है क्योंकि यह 95 फीसदी इक्विटी मार्केट को कवर करता है। जहाँ तक कर संबंधी जटिलताओं का सवाल है तो यह इक्विटी से जुड़े कर से बिलकुल उलट है। मौजूदा नियमों को देखते हुए यह दोनों स्कीम डेट इंस्ट्रूमेंट की तरह ही कर के दायरे में आएंगे। लंबे समय तक इन फंड्स में बने रहने वाला निवेशक इंडेक्सेशन बेनिफिट क्लेम कर सकता है, जिससे उसकी कर देनदारी में कमी आएगी।
इन फंड्स में निवेश करने और उसके फायदे गिनाते हुए मोतीलाल ओसवाल असेट मैनेजमेंट कंपनी के पैसिव फंड्स के हेड, प्रतीक ओसवाल ने कहा कि, हमारी कोशिश लगातार निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाने की है और हमने इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए दो पैसिव मल्टी एसेट फंड्स, ऐग्रेसिव और कंजरवेटिव, को लॉन्च किया है। बीच का रुख रखकर निवेश करने वाले ग्राहक इन दोनों फंड्स् में 50:50 के अनुपात में निवेश कर सकते हैं। ये फंड्स अपने आप में एक पोर्टफोलियो की तरह हैं, जिसमें संतुलन का ध्यान रखा गया है। आज के समय में निवेशकों के पास निवेश के हजारों विकल्प हैं और हमारा मानना है कि यह फंड निवेशकों की जरूरतों के लिए पर्याप्त है।
उन्होंने आगे यह भी बताया कि, ऐसे समय में जब इक्विटी (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों) रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, डेट यील्ड या प्रतिफल निचले स्तर पर है और गोल्ड सर्वाधिक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला असेट है, हमारा मानना है कि निवेश के लिए मल्टी असेट सॉल्यूशन कम जोखिम वाला विकल्प है। इन फंड्स की लागत कम है और अधिकांश बाजार स्थितियों में इन्होंने शानदार रिटर्न दिया है।
फंड्स की मुख्य विशेषताएं
1. विविधतापूर्ण : चार आस्ति श्रेणियां (इक्विटी (शेयर), अंतरराष्ट्रीय इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और कमोडिटी) में किया गया निवेश शामिल
2. जोखिम क्षमता के अनुसार विकल्प : निवेशक जोखिम लेने की क्षमता के मुताबिक ऐग्रेसिव या कंजरवेटिव फंड ऑफ़ फंड्स में से कोई विकल्प चुन सकते हैं।
3. जोखिम में कमी : उतार-चढ़ाव और गिरावट को देखते हुए जोखिम से व्यापक बचाव।
4. अन्तर्निहित पुनर्संतुलन : फंड ऑफ फंड्स में नियम आधारित पोर्टफोलियो को संतुलित किया गया है, जिसकी मदद से असेट आवंटन को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
5. टैक्स सक्षम : निजी निवेशक के उलट म्युचुअल फंड्स में पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करने के लिए कर की देयता नहीं बनती है।
6. कम लागत : सभी फंड्स पैसिव फंड्स हैं। (प्रेस नोट)