जयपुर। भारत सरकार के इंडिया टॉय फेयर 2021 में राजस्थान के पारम्परिक खिलौनों के साथ राजस्थान के बढ़ते हुए खिलौना उद्योग की झलक देखने मिलेगी। इन दिनों राजस्थान उद्योग विभाग द्वारा इस विषय में विशेष व्यवस्था की जा रही हैं ताकि टॉय फेयर में आने वाले लोगो को राजस्थान के पारम्परिक खिलौनों के प्रति आकर्षित किया जा सके, साथ ही मेले में आने वाले खिलौना निर्माताओं को प्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित किया जाए।
भारत के उभरते खिलौना उद्योग को मंच प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फरवरी 27 से मार्च 2, 2021 तक डिजिटल माध्यम से इस टॉय फेयर का आयोजन किया जा रहा है। राजस्थान उद्योग विभाग भी इसे लेकर उत्साहित है, और इस मेले में राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में बन रहे खिलौनों के साथ साथ खिलौना बनाने के लिए उपयुक्त निवेश क्षेत्रो का भी प्रदर्शन किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने प्रदेश के खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई निर्णय लिए हैं, जैसे खुशखेड़ा, अलवर में स्पोर्ट्स गुड्स एंड टॉय जोन की स्थापना और नए उद्योगों को निवेश प्रोत्साहन निति 2019 के अधीन सहयोग प्रदान करना। इन सभी की जानकारी इंडिया टॉय फेयर के मंच से दी जाएगी। इनमें पारम्परिक खिलौनों के उदयपुर, चित्तौडग़ढ़, मेवाड़ और कठपुतली नगर जयपुर में चिन्हित क्लस्टर के साथ-साथ खुशखेड़ा अलवर में विकसित किये जा रहे विशेष निवेश क्षेत्र भी सम्मिलित होगा।
अलवर स्थित यह स्पोर्ट्स और टॉय जोन रीको द्वारा विकसित किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहाँ लगने वाली इकाइयों को बेचान में सहूलियत होती है और रीको द्वारा विकसित आधारभूत सुविधाओं का लाभ भी मिलता है। रीको द्वारा इसकी परिकल्पना कोरोना महामारी के आने से पहले की गयी थी, लेकिन लॉक डाउन और महामारी द्वारा उत्पन्न हालत के बावजूद यहाँ 21 खिलौना उत्पादकों द्वारा निवेश किया जा चुका हैं।