आईआईएचएमआर में पीएच. डी. प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित


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जयपुर। हेल्थकेयर और रिसर्च के क्षेत्र में अग्रणी आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2021 में अपने पीएच. डी. प्रोग्राम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। 36 साल से अधिक की विरासत के साथ, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी पब्लिक हेल्थकेयर, मैनेजमेंट और रिसर्च के लिए एक ‘ग्लोबल हब’ के रूप में प्रतिष्ठित है। विश्वविद्यालय ने प्रमुख विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग किया है, जिनमें जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, यूएसए, चेस्टर यूनिवर्सिटी, यूके, मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी, कनाडा, कर्टिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया और ‘सर्च’ (सोसाइटी फॉर एजुकेशन, एक्शन एंड रिसर्च इन कम्युनिटी हेल्थ), झेपीगो, अमेरिकन सोसाइटी फॉर क्वालिटी आदि शामिल हैं।

ऽ पाठ्यक्रम की अवधि - न्यूनतम 3 वर्ष

ऽ आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि - 14 फरवरी, 2021 

ऽ सीटों की संख्या - 15

ऽ ट्यूशन फीस - 4,00,000 रुपए

ऽ प्रति सेमेस्टर फीस - 65,000 रुपए, प्रथम सेमेस्टर में - 75,000 रुपए

 ऽ सेमेस्टर की संख्या और क्रेडिट्स - 6 सेमेस्टर, 60 क्रेडिट्स

ऽ पीएच. डी. के लिए आवेदन शुल्क - 2000 रुपए

ऽ आईआरएटी और पर्सनल इंटरव्यू - 20-21 फरवरी, 2021

ऽ सत्र की शुरुआत - 05 अप्रेल, 2021

ऽ अध्ययन के विषय- रिसर्च मैथोडोलाॅजी, एपिडिमियोलाॅजी, डेमाग्राफी एंड पाॅपुलेशन साइंसेज, स्टेटिस्टिक्स एंड क्वांटिटेटिव टैक्नीक्स, हैल्थ सिस्टम्स एंड साइंटिफिक राइटिंग

आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय ने 2014 से एक पूर्ण-पीएचडी कार्यक्रम की दिशा में पहल की है, जो इसके मौजूदा स्नातकोत्तर कार्यक्रम में जोड़ा गया है। आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय स्वास्थ्य क्षेत्र में मैनेजमेंट रिसर्च, स्नातकोत्तर शिक्षा और प्रशिक्षण में एक विशिष्ट अनुसंधान विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने के लिए दस्तावेज और इनपुट्स प्रदान करने के लिए नए ज्ञान और टैक्नोलाॅजी को विकसित करना है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वास्थ्य नीति और कार्यक्रम प्रबंधन, अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और संचालन करके स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए इसे ‘इंस्टीट्यूट आफ एक्सीलैंस‘ के रूप में मान्यता दी है।

आईआईएचएमआर के प्रेसीडेंट (आफिशिएटिंग) प्रो. पी. आर. सोडानी ने कहा, ‘‘पीएच. डी. कार्यक्रम को एक मिशन के तौर पर डिजाइन किया गया है, जिसमें उन स्नातकों को ज्ञान प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है, जो ओरिजिनल और एप्लाइड रिसर्च में रुचि रखते हैं और जो अपनी निपुणता के क्षेत्र में मौजूदा ज्ञान के साथ उसमें नए सिद्धांत जोड़ने के लिए प्रयास करना चाहते हैं। पीएच. डी. कार्यक्रम उन्हें अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र के भीतर वर्तमान और उभरते सिद्धांतों की प्रासंगिकता का मूल्यांकन करते हुए नए सिद्धांतों और अवधारणाओं को लागू करने का तरीका जानने में मदद करेगा। पीएच. डी. कार्यक्रम का हमारा मुख्य उद्देश्य ऐसे प्रशिक्षित पेशेवरों को आगे बढ़ाना है, जो रिसर्च और इनोवेशन पर केंद्रित उद्योगों में अपने कॅरियर के लिए रास्ता बनाते हैं।’’

योग्यता - पीएच. डी. कार्यक्रम में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों के पास मास्टर डिग्री या संवैधानिक निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त प्रोफेशनल डिग्री जो मास्टर डिग्री या एम फिल की डिग्री के समकक्ष हो, जिसमें आवेदक ने कम से कम 55 प्रतिशत अंक हासिल किए हों। 

पाठ्यक्रम संबंधी विनिर्देश

प्रवेश प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी-

ऽ आवेदनों की स्क्रीनिंग

ऽ आईआईएचएमआर रिसर्च एप्टीट्यूड टैस्ट (आईआरएटी) - 20-21 फरवरी, 2021 (यूजीसी-नेट/जेआरएफ/एमफिल के लिए छूट)

ऽ पर्सनल इंटरव्यू

इसमें कुल 60 क्रेडिट के साथ 6 सेमेस्टर होंगे।

महत्वपूर्ण जानकारीः 

पीएच. डी. पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थी आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं अथवा आईआईएचएमआर की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करें- https://www.iihmr.edu.in/

पूरी तरह भरे गए आवेदन पत्र संबंधित दस्तावेजों के साथ 2000 रुपए के डिमांड ड्राफ्ट सहित डाक द्वारा भेजे जाने चाहिए। डिमांड ड्राफ्ट श्प्प्भ्डत् न्छप्टम्त्ैप्ज्ल्श् के पक्ष में जयपुर में देय होना चाहिए।

पीएच. डी. प्रोग्राम का वेबपेज - https://www.iihmr.edu.in/program/phd

संपर्क करें- @ IIHMR University- 91 0141.3924700 व 9358893198 या लिखें- admissions@iihmr.edu.in 

पिछले साढ़े तीन दशकों से विश्वविद्यालय सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य और अस्पताल प्रबंधन, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट, हैल्थ इकोनाॅमिक्स और फाइनेंस, पाॅपुलेशन और रीप्रोडक्टिव हैल्थ, रूरल मैनेजमेंट, इंस्टीट्यूशनल नेटवर्किंग एंड केपेसिटी बिल्डिंग जैसे मुख्य क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और क्षमता निर्माण में जुटा हुआ है।