केरल और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी
मार्च के पहले सप्ताह से फिर चलेगा जागरूकता अभियान
कोविड-19 समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत |
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना अभी तक पूरी तरह गया नहीं है। विगत कुछ दिनों में केरल एवं महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। ऎसे में प्रदेशवासी सतर्क और सजग रहें। मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने महाराष्ट्र एवं केरल से आने वाले यात्रियों के राजस्थान में आगमन पर यात्रा प्रारम्भ करने के 72 घंटे के भीतर करवाए गए आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रेलवे स्टेशन एवं हवाई अड्डे पर उनकी स्क्रीनिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आने के बाद राज्य सरकार ने व्यावसायिक एवं सामाजिक गतिविधियों में छूट दी थी, लेकिन ऎसा देखने में आया है कि कुछ लोग कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। इसे देखते हुए उन्होंने प्रदेशभर में मार्च के प्रथम सप्ताह से पुनः जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। यह अभियान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा स्वायत्त शासन विभाग द्वारा चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का विषय है, क्योंकि यह बीमारी कब क्या रूप ले ले कोई नहीं जानता। इसे देखते हुए कुछ राज्यों ने आवागमन पर फिर पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश कोविड की तीसरी लहर से बचा रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम पूरी सावधानी रखें। कोविड प्रोटोकॉल की लगातार प्रभावी पालना हो और लोग अनुशासन में रहें। उन्होंने कहा कि होर्डिंग, बैनर, पेम्पलेट, सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी सहित अन्य माध्यमों से लोगों को लगातार जागरूक किया जाए।
गहलोत ने कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए कहा कि यद्यपि राजस्थान टीकाकरण के मामले में अग्रणी राज्य है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के प्रयास किए जाएं। लोगों के बीच टीकाकरण की भ्रांतियों को दूर करने के साथ ही उन्हें इसके फायदों के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने वैक्सीनेशन अभियान को और व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए राज्य के अब तक के अनुभव के आधार पर केन्द्र सरकार को पत्र लिखने के भी निर्देश दिए।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केस मात्र 0.38 प्रतिशत हैं और हमारी रिकवरी रेट 98.75 प्रतिशत हो गई है। राज्य में केस डबलिंग टाइम 2521 दिन हो गया है, जबकि भारत का केस डबलिंग टाइम 586 दिन है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पंजीकृत हैल्थ केयर एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स में से अब तक 79 प्रतिशत को कोविड-19 टीकाकरण की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 59.7 प्रतिशत है।
शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग भवानी सिंह देथा ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन करीब 40 हजार मास्क का वितरण किया जा रहा है। अब तक करीब 1 करोड़ 75 लाख मास्क वितरित किए गए हैं।
सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त राजस्थान महेन्द्र सोनी ने बताया कि प्रदेश भर में कोविड-19 प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना तथा वैक्सीनेशन के लिए डिजिटल वॉल पेंटिंग, टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, बसों पर पैनल सहित अन्य माध्यमों से निरंतर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि विभिन्न गतिविधियों में मिली छूट के बाद लोगों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर पहले जैसी गंभीरता नहीं रही है। इस लापरवाही से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कोविड के केस फिर बढ़े हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अध्ययन के मुताबिक देश में साउथ अफ्रीका, ब्राजील और यूके के स्ट्रेन के मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए सतर्कता बरतना जरूरी है।
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि हैल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई गई वैक्सीन काफी प्रभावी है और इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। अध्ययन के मुताबिक वैक्सीनेशन की पहली डोज के बाद ही लोगों में अच्छी एंटीबॉडी बन रही है, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए दूसरी डोज आवश्यक रूप से लगवाएं। उन्होंने कहा कि कोविड से ठीक हुए लोगों में भी करीब 40 प्रतिशत एंटीबॉडी ही बन पाती है, इसलिए वे भी अपनी सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी कोरोना संक्रमण से बचाव और वैक्सीनेशन को लेकर अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।