4 मार्च तक चलेगा स्पेशल हैंडलूम एक्सपो
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जयपुर। जलमहल के सामने स्थित राजस्थान हाट में चल रहे स्पेशल हैंडलूम एक्सपो में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक नजर आ रही है। जम्मू कश्मीर, गुजरात, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित कई राज्यों की हथकरघा समितियां अपने उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं। जिनमें बनारसी साड़ियां, गुजरात की बांधनी एवं पाटोला साड़ियां एवं ड्रेस, कारपेट, शर्ट, सूट और पंजा दरी सहित कई फर्निशिग आईटम शामिल है।
उद्योग आयुक्त श्रीमती अर्चना सिंह ने बताया कि राजस्थानी परंपरागत अजरख, बगरु, सांगानेरी, कोटा डोरिया, लहरिया, मोठड़ा प्रिंट की साड़ियां और परिधान भी बिक्री के लिए प्रदर्शित किए गये हैं। उद्योग विभाग के उद्यम प्रोत्साहन संस्थान द्वारा 15 दिवसीय एक्सपो 4 मार्च तक चलेगा। वैवाहिक सीजन होने के कारण खरीददारों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
6 माह में तैयार हुई साड़ी
एक्सपो में महिलाओं और युवतियां बनारसी साड़ियों को खासा पसंद कर रही हैं। बनारस से आए हथकरघा कारीगर एम.डी. जावेद ने बताया कि तनचोई, जामावार और मूंगा सिल्क की बनारसी साड़ियों की मांग बढ़ रही है। मूंगा सिल्क की एक साड़ी को बनाने में पूरा परिवार लगता है और करीब 6 महीने में तैयार होती है। इसकी खासियत यह है कि यह जितनी पुरानी होती है उतनी ही इसकी चमक बढ़ती जाती है।
बच्चों ने समझी कपड़े बनाने की तकनीक
वस्त्र मंत्रालय के बुनकर सेवा केंद्र (डब्ल्यूएससी) जयपुर द्वारा प्रदर्शित थीम पवेलियन खासकर बच्चों को पसंद आ रहा है। थीम पवेलियन में कपड़े को हाथ से बनता हुआ देखकर रोमांचित हो रहे है। इसमें बुनकर करघे पर कपड़ा बनाता है फिर उस पर रंगाई और छपाई की जाती है। एक्सपो में आगन्तुक कपड़े बनने का लाइव एक्सपीरियंस लेकर पुराने दिनों को याद ताजा कर रहे हैं। लोगों ने बुनकर और शिल्पकार से इस कला के बारे में जानकारी ली।