ख्वाजा साहब की मजार पर पहला गुस्ल दिया
अजमेर दरगाह दीवान की सदारत में महफिल का आयोजन |
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर दरगाह में अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान औलाद व मोरूसी सज्जादानशीन चिश्ती हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के उत्तराधिकारी जानशीन सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती अपने दादा बुजुर्ग हजरत ख्वाजा हुसामुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर वंशानुगत परम्परा के अनुसार जुमला रसूमात को अंजाम दिया। दीवान साहब ने अपने दस्ते मुबारक से मजार शरीफ को पहला गुस्ल दिया। मध्य रात्रि को उनके सदारत में महफिल का आयोजन हुआ।
इसी सिलिसले मे गुरूवार को उर्स की महफिल व मजार शरीफ पर दूसरा गुस्ल दस्ते मुबारक से दिया जायेगा। शुक्रवार बाद नमाजे जुम्मा दीवान साहब की सदारत में चादर का जुलूस प्रमुख रास्तों से होता हुआ दरगाह शरीफ पहुंचेगा जहां पर ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश की जायेगी। मजार शरीफ पर चादर पेश करने के बाद दीवान साहब की शान में महफिले समां होगी व बाद नमाज इशा महफिले समां दौरान दीवान साहब अपने दस्ते मुबारक से मजार शरीफ को तीसरा गुस्ल देगे। वहीं दूसरी ओर ख्वाजा साहब के आस्ताने दरबार में मशहूर गायक व संगीतकार रामशंकर ने अकीदत के फूल पेश किये। इस मौके पर अंजुमन हुसामियां इस्लामियां दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों की भी मौजूदगी रही।