वार्ड पार्षद व साधारण जनता की पुकार को किया जा रहा है दरकिनार
सांभरझील। सांभर में अनेक जगहों पर कई दशकों से पुरानी हवेलियां अब पूरी तरह से जर्जर होकर गिरने के कगार पर आ चुकी है, लेकिन इसके बावजूद इन सम्पतियों के वारिसों की ओर से सांभर छोडृकर जाने के बाद न तो इनकी मरम्मत करवायी गयी है, ऐसे कथित मालिकों की ओर से इन टूटी फूटी इमारतों में इनका इतना मन समाया हुआ है कि न तो इसे किसी को दान दे रहे है और न ही अपने पुरखों की यादों को जिंदा रखने के लिये कोई कदम उठा रहे है।
इन तमाम हवेलियों जिनकी दुर्दशा इतनी खराब हो चुकी है कि आसपास रहने वालों को हमेशा ही इससे भय बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि नगरपालिका प्रशासन के यह मामला ध्यान में नहीं है, पिछले बीस सालों में जो भी बोर्ड बना उनके सामने भी यह मुद्दा उठाया गया था, लेकिन महज कोरी लीपापोती के अलावा प्रशासन से कोई ठोस उम्मीद आज भी बनी हुयी नहीं है। बताया जा रहा है कि पालिका की ओर से ऐसे मालिकों को चिंहित कर उन्हें कई बार नोटिस भी तामील करवाया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद न तो उन मालिकों को कानून भय सता रहा है और न ही पालिका अपने कानूनी अधिकारों का उपयोग कर पा रही है।
बता दें कि विगत दिनों ही यहां की पार्षद ज्योति कुमावत ने खुद ईओ व सहायक अभियन्ता को मौके पर ले जाकर स्थिति से रूबरू करवाया लेकिन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही इस पर कार्यवाही करने का फिर से कोरा आश्वासन मिला है। पार्षद ज्योति कुमावत से बात करने पर संवाददाता को बताया कि इस वार्ड के आशापुरी मंदिर के पास तो इमारत इतनी खराब हो गयी है कि उसका मलबा रोड तक आ गया है, पर्याप्त साफ सफाई का अभाव बना हुआ है। इसी प्रकार इसी वार्ड में रहने वाले प्रभुदयाल कुमावत व गुड्डू माथुर के घर सामने में ये हवेलियां भयावह रूप लेकर खड़ी हुयी है, यदि इन्हें शीघ्र जनहित में नहीं गिराया गया तो यदि कोई जानमाल की हानि होगी तो उसके लिये पालिका प्रशासन खुद जिम्मेदार होगा।