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मुम्बई। सोनी सब का मनोरंजक शो ‘तेरा यार हूं मैं’ की दिल छू लेने वाली और हल्की-फुलकी कहानी को दर्शकों का जबरदस्त समर्थन मिला। लेकिन इस शो में बहुत ही जल्दे एक रोमांचक सीक्वेंदस देखने को मिलने वाला है, क्योंकि राजीव (सुदीप शहीर) और दलजीत (सायंतनी घोष) जिस बैंक में काम करते हैं वह डाकुओं के निशाने पर आ जाता है।
राजीव और दलजीत इस बात से थोड़े परेशान हैं कि बैंक में काफी बड़ी रकम जमा है। यह मामला उस समय और भी गंभीर हो जाता है जब डाकुओं का एक ग्रुप बैंक को लूटने के लिये अंदर दाखिल हो जाता है। दलजीत अपने केबिन में काम करने में व्यस्त है, उसे इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं है कि डाकू उसे और राजीव को ही ढूँढ रहे हैं। दलजीत को बचाने के लिये जब राजीव खुद को बैंक मैनेजर बताता है तो चीजें और भी मजेदार हो जाती हैं। आखिरकार डाकू उन पर बंदूक तान देते हैं, क्योंकि उन्हेंं अपने मिशन को अंजाम देना है। दलजीत को बचाने की राजीव की कोशिश बेकार चली जाती है, क्यों कि उनमें से एक डाकू कहता है कि उन्हों ने बहुत अच्छील तरह पता लगाया है और उसे असली मैनेजर की तरफ इशारा करने को कहता है। डाकू राजीव और दलजीत के सिर पर बंदूक तान देता और उन्हें तिजोरी खोलने को कहता है। अब दलजीत और राजीव खुद को इस मुसीबत से किस तरह बचायेंगे?
राजीव की भूमिका निभा रहे सुदीप साहिर ने कहा कि, दर्शकों को राजीव का रक्षक वाला रूप देखने को मिलेगा। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, चीजें और भी दिलचस्पव होती चली जाती हैं। दलजीत और राजीव जिंदगी और मौत के बीच खड़े हैं। बैंक को बचाने के साथ-साथ वे खुद को भी बचाने के बारे में सोच रहे हैं। जब डाकू सभी लोगों को बंधक बना लेते हैं तो ऐसे में राजीव और दलजीत मामले को कैसे संभालते हैं और सबको किस तरह बचाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। इस सीक्वेंभस की शूटिंग मजेदार रही, क्योंकि आप इस तरह की स्थिति में फँसे किरदार की मनोदशा को महसूस कर सकते हैं। मुझे पूरा विश्वा स है कि आगे जो कुछ भी होने वाला है, दर्शक उसे जरूर पसंद करेंगे।
दलजीत की भूमिका निभा रहीं सायंतनी घोष ने कहा कि, इस शो में यह अभी तक का सबसे रोमांचक सप्ताह रहा है। पैसों की लूट के बीच राजीव और दलजीत को बंधक बना लिया गया है। बैंक और उसके अंदर फँसे लोगों को बचाने की पूरी जिम्मेधदारी हमारे कंधों पर आ गयी है। यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि दोनों मिलकर इसका क्यार रास्ताा निकालते हैं। शूटिंग के दौरान सबसे मजेदार बात यह रही कि आप पर भले ही नकली बंदूक तनी हो, आपके दिल की धड़कन अपने-आप बढ़ जाती है। मेरे लिये वह काफी मजेदार अनुभव था। यह देखना काफी दिलचस्पस होगा कि डाकू अपने मकसद में कामयाब होते हैं या फिर दलजीत और राजीव बैंक और खुद को बचाते हैं।