ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने की डॉ. रघु शर्मा से मुलाकात
जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा से ब्रिटिश हाई कमिश्नर पीटर कुक ने मुलाकात कर कोविड महामारी के दौरान राजस्थान सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
पीटर कुक ने कोरोना काल में सरकार और चिकित्सा विभाग द्वारा किए गए प्रयासों से कोरोना रिकवरी रेट 97 फीसद से ज्यादा आने और कम मृत्यु दर के लिए दिल खोलकर तारीफ की। उन्होंने राजस्थान के ‘भीलवाड़ा‘ और ‘रामगंज‘ मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार द्वारा माइक्रोे लेवल पर हुई मॉनिटरिंग के चलते ही कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सका है।
ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने बताया कि कोरोना काल ब्रिटेन में नर्सिंग स्टाफ की खासी कमी महसूस की गई। उन्होंने राज्य सरकार से नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित कर ब्रिटेन भेजने जैसे एमओयू की भी जरूरत बताई। उन्होंने बताया कि दोनों देश मिलकर चिकित्सा विभाग में टेली मेडिसिन, ऑनलाइन कंसलटेशन, सोशल मीडिया और डिजिटल असिस्टेंस जैसी सुविधाओं पर काम कर सकते हैं ताकि आमजन को सहज चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
चिकित्सा मंत्री ने उन्हें कोरोना काल और पिछले 2 वर्ष के दौरान विभाग और सरकार द्वारा किए प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का कई राज्यों ने अनुसरण किया। उन्होंने कोरोना के अलावा बीमारियों के उपचार के लिए 550 ओपीडी वैन के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 70 हजार से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है। उन्होंने बताया कि कोरोना को थामने के बाद अब वैक्सीनेशन में भी प्रदेश नंबर-1 पर है। करीब 25 लाख लोगों का अब तक टीकाकरण किया जा चुका है।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि राजस्थान देश के उन अग्रणी राज्यों में से एक है, जहां के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कोरोना काल में स्मार्ट क्लासरूम के जरिए मेडिकल स्टूडेंट्स को नियमित अध्ययन कराने सहित कई नवाचारों से पीटर कुक को अवगत कराया।
चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के बाद पोस्ट कोविड और डे केयर सेंटर बनाए हैं, ताकि कोरोना के बाद आमजन इसका लाभ ले सकें। इसके साथ ही 12 हजार से ज्यादा सब सेंटर्स पर पर वेलनेस सेंटर भी खोले जा रहे हैं। आयुर्वेद सचिव रेश गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के द्वारा कोरोना पर नियंत्रण का प्रयास किया गया। इस अवसर पर निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।