क्या जलवायु कार्यवाई के लिए चीन और अमेरिका मिला लेंगे हाथ?

निशांत की रिपोर्ट 

लखनऊ (यूपी)

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चीन की साझा मेज़बानी वाली "मिनिस्ट्रियल ऑन क्लाइमेट एक्शन" (MoCA) में मंगलवार को हुई बहुपक्षीय वार्ता से उम्मीद है उसके आधार पर दुनिया के दो सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जकों, चीन और अमेरिका, के बीच अधिक विस्तृत कार्यवाही के लिए न सिर्फ एक अच्छी शुरुआत होगी, बल्कि पारस्परिक विश्वास के पुनर्निर्माण और मतभेदों के प्रबंधन के लिए बेहतर काम करेगी।

COVID-19 महामारी के कारण यह वार्षिक बैठक दूसरी बार ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। MoCA अंतर्राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई पर इस वर्ष की पहली बड़ी मंत्रिस्तरीय बैठक है, और नवंबर में COP26 की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा। देशों के बीच सहकारिता और एकजुटता का समर्थन करते हुए, उत्सर्जन में कटौती पर वैश्विक महत्वाकांक्षा को कैसे बढ़ाया जाए, इस बैठक में इस पर चर्चा होगी। यह बैठक हर देश की अपनी अपनी विशिष्ट चुनौतियों और कम कार्बन वाली लचीली और टिकाऊ नीतियों को लागू करने और दुनिया में  कोविड के बाद पर्यावरण अनुकूल आर्थिक रिकवरी उपायों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी।

बैठक के प्रतिभागियों में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ताओं में जी 20 देशों के मंत्री और अन्य प्रमुख दल शामिल होंगे।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की सोमवार प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चीन के जलवायु दूत, ज्ही ज़ेन्हुआ, और उनके अमेरिकी समकक्ष जॉन केरी मंगलवार रात बीजिंग के समय, जलवायु कार्रवाई (MoCA) के 5वें सत्र में यूरोपीय संघ, चीन और कनाडा के साथ प्रतिभाग करेंगे। इस बैठक का हालांकि कोई एजेंडा साझा नहीं किया गया था।

साथ ही व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को समाचार एजेंसी रायटर्स को दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया था कि ज्ही और केरी मिलेंगे, लेकिन उन्होंने इस भेंट की तारीख नहीं बताई थी। बिडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहला मौका है जब दोनों देशों के जलवायु दूतों की पहली औपचारिक बात हुई है।

चीन और अमेरिका ने इससे पहले भी जलवायु परिवर्तन पर एक संयुक्त कार्यदल की स्थापना की थी। अप्रैल 2013 की शुरुआत में, चीन-अमेरिका जलवायु परिवर्तन कार्य समूह (CCWG) का गठन जलवायु परिवर्तन पर चीन-अमेरिका की संयुक्त घोषणा के तहत किया गया था। उस समय भी CCWG के पीछे ज्ही और केरी मुख्य भूमिका में थे।

पर्यवेक्षकों की मानें तो बहुपक्षीय बातचीत से शुरू होकर चीन और अमेरिका धीरे-धीरे जलवायु मुद्दों पर सीधी बातचीत कर सकते हैं और अधिक व्यावहारिक कार्रवाई भी कर सकते हैं।

बीजिंग स्थित सार्वजनिक और पर्यावरण मामलों के संस्थान के निदेशक मा जून ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स को बयान देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए, चीन और अमेरिका के लिए प्राथमिक काम भरोसे का पुनर्निर्माण करना है। इसके साथ ज़रूरी होगा प्रभावी संचार शुरू करना और मतभेदों का प्रबंधन करना।

MoCA से पहले, चीन और अमेरिका अलास्का में उच्च-स्तरीय रणनीतिक वार्ता के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्यदल की स्थापना के लिए सहमत हुए। चीनी प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, दोनों ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में संचार और सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आपको याद दिलाते चलें कि बिडेन ने पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद घोषणा की थी कि अमेरिका 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के एक जलवायु शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।

यूरोपीय संघ के अनुसार जलवायु कार्रवाई पर MoCA एक वार्षिक बैठक है, जिसमें 30 से अधिक देशों के मंत्रियों और उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों भाग लेते हैं, जिसमें G20 के मंत्री और संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ताओं में प्रमुख पार्टी समूहों के अध्यक्ष शामिल हैं। पिछले दो सत्रों में, ज्ही ने चीन के प्रतिनिधि के रूप में इस सम्मेलन में प्रतिभाग किया। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)