पटना। कई बार हमारे सामने ऐसे नौजवानों की कहानियां आती हैं, जिन्होंने इसे मात्र किस्मत से बड़ी सफलता हासिल कर ली। या तो उन्होंने कोई जैकपॉट जीत लिया या अपने दूर के रिश्तेदारों से बहुत सारी संपत्ति विरासत में प्राप्त कर ली। लेकिन शायद ही कभी हम उन लोगों के बारे में सुनते हैं जिन्होंने उस बड़ी सफलता को पूरी तरह इच्छाशक्ति, समर्पण और कड़ी मेहनत के जरिये हासिल की हो।
ऐसी ही एक उल्लेखनीय कहानी मिस्बाह अशरफ की है, जो मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, और अभी हाल ही में लाइटस्पीड वेंचर्स-समर्थित फॉक्सी को अपना स्टार्टअप, "मार्सप्ले" बेचने के बाद सिलिकॉन वैली (बेंगलुरु पढ़ें) में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है।
सौंदर्य और फैशन एसेसरीज के लिए समुदाय केन्द्रित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में, कंपनी ने यूट्यूब इंडिया के पूर्व प्रमुख अमित अग्रवाल, बाउंस के सीईओ विवेकानंद हल्लेकेरे, टीपीजी ग्रोथ पार्टनर्स के शैलेश राव और आईसीआईसीआई वेंचर्स के निखिल मोहता जैसे निवेशकों से 6.3 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी जुटायी।
मिस्बाह अशरफ का लालन-पालन बिहार राज्य के बिहारशरीफ नामक एक छोटे से शहर में हुआ था और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल, बिहारशरीफ से हासिल की। मिस्बाह के पिता शिक्षक थे और माँ गृहिणी।
18 वर्ष की आयु में, उन्होंने अपना पहला वेंचर, सिबोला, लॉन्च किया, जो भारत में सामाजिक भुगतान के शुरुआती पैरोकारों में से एक रहा। उन्होंने इस काम के लिए कॉलेज छोड़ दिया - और सीड राउंड के लिए एंजेल निवेशकों के माध्यम से धन जुटाया।
हालांकि उनके माता-पिता चाहते थे कि वे एक आईएएस अधिकारी बनें, लेकिन वे अपनी लगन पर चलते रहेऔर इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित किया। उनके पास संसाधन और एक्सपोजर सीमित थे, लेकिन उनके सपने सीमित नहीं थे। उन्होंने उस काम को चुना जिसपर बहुत कम लोग ध्यान दे रहे थे, और कॉलेज छोड़ दिया, जो निश्चित रूप से निम्न मध्यम वर्ग की पृष्ठभूमि के व्यक्ति के लिए आसान निर्णय नहीं है।
कॉलेज छोड़ना उनके लिए फायदेमंद रहा क्योंकि उन्होंने अमेरिका की कुछ कंपनियों के साथ काम करके अपना पहला 100,000 अमेरिकी डॉलर हासिल किया और अपने सभी पारिवारिक कर्जों को चुका दिया। इसके साथ, उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने स्पैंगल इंक (अमेरिका), पल्स डॉट क्यूए (अमेरिका),परसूट (अमेरिका), हूप डॉट कॉम (हांगकांग), मीड इंक (अमेरिका) जैसी कई वैश्विक कंपनियों के साथ काम किया। हाल ही में, वह टॉयमेल के प्रॉडक्ट एवं ग्रोथ के हेड के तौर पर नियुक्त थे। टॉयमेल बच्चों के अनुकूल वाईएफआई खिलौना मेसेंजर है, जो वाई-कॉम्बिनेटर, अमेज़न और शार्क टैंक द्वारा समर्थित है।
मिस्बाह के अनुसार, हर गांव में इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता बढ़ने के साथ दुनिया काम करने का एक वैश्विक जगह बन गयी है। आज इसी तरह के अवसर सैन फ्रांसिस्को से लेकर समस्तीपुर तक उपलब्ध हैं।
उनका मानना है कि बिहार के युवाओं में महान उपलब्धियों को हासिल करने की मजबूत क्षमता है, और उनके पीछे रह जाने का एकमात्र कारण उनकी मानसिकता और इच्छाशक्ति है। मिस्बाह ने बिहार में युवाओं की क्षमता का उपयोग करने और क्षेत्र में महान उद्यमियों की अगली लहर पैदा करने में एक छोटी-सी भूमिका निभाने की योजना बनाई है। मिस्बाह जैसे उद्यमी राज्य के लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं जो लंबे समय से अब तक सिविल सेवा के नौकरशाहों के निर्माण में अटके हुए हैं।
मार्सप्ले :
मार्सप्ले को हाल ही में सिकोइया और लाइटस्पीड समर्थित एक्नेक द्वारा अघोषित धनराशि के एवज में अधिग्रहित किया गया था। अधिग्रहण की शर्तों के तहत, फैशन और सौंदर्य प्रशंसकों के एक समुदाय के रूप में मार्सप्ले की ताकत को एक्नेक के उत्पाद फॉक्सी से एकीकृत किया जायेगा। फॉक्सी कलाकरों के नेतृत्व में काम करने वाला सौंदर्य, ग्रूमिंग और पर्सनल केयर का कमर्शियल प्लेटफॉर्म है।