अहमदाबाद। भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी और डायवर्सिफाइड अदाणी ग्रुप की प्रमुख सहायक कंपनी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईज़ेड) लिमिटेड,गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (जीपीएल)विंडी लेकसाइड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (वारबर्ग पिंकस का एक सहयोगी) से 31.5% हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रही है। अधिग्रहण का मूल्यांकन 1,954 रुपये पर हुआ है और यह नियामक की मंजूरी के अधीन है।
जीपीएल आंध्र प्रदेश के उत्तरी भाग में विशाखापत्तनम पोर्ट के बगल में स्थित है। यह आंध्र प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा गैर-प्रमुख पोर्ट है, जिसकी क्षमता 64 एमएमटी है, और आंध्र प्रदेश सरकार (जीओएपी) की रियायत के तहत स्थापित है जो 2059 तक मान्य है। यह हर मौसममें सक्षम, गहरे पानी, बहु-उद्देशीय पोर्ट है जो 200,000 डीडब्लूटी तक के सुपर केप आकार के जहाजको पूरी तरह संभालने में सक्षम है। वर्तमान में, जीपीएल 9 बर्थ संचालित करती है और इसके पास ~1,800 एकड़ की फ्री होल्ड भूमि है। 31 बर्थ वाले 250 एमएमटीपीए के लिए मास्टर प्लान की क्षमता के साथ, जीपीएल के पास भविष्य में विकास करने के लिए पर्याप्त हेडरूम है।
जीपीएल कोयले, लौह अयस्क, उर्वरक, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, चीनी, एल्यूमिना और स्टील सहित सूखे और थोक वस्तुओं के विविध मिश्रण को संभालता है। जीपीएल पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य भारत में 8 राज्यों में फैले दूर-दराज के इलाकों के लिए प्रवेश द्वार का काम करता है।
वित्त वर्ष 20 में, जीपीएल के पास 34.5 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम था, जिसने 1,082 करोड़ रुपये का राजस्व, 634 करोड़ रुपये का ईबीआईटीडीए (59% का मार्जिन) और 516 करोड़ रुपये का पीएटी दिया। जीपीएल 500करोड़ से अधिक की शेष नकदी सहित ऋण मुक्त है।
कंपनी के पास 51.7 करोड़ का पेड अप इक्विटी शेयर कैपिटल है, जिसमें 58.1% डीवीएस राजू एंड फैमिली (प्रमोटर), 10.4% आंध्र प्रदेश सरकार और 31.5% वारबर्ग पिंकस के स्वामित्व में है।
एपीएसईज़ेड 120रुपये/शेयर मूल्य पर वारबर्ग पिंकस ~ 16.3 करोड़ शेयरों (31.5%) की हिस्सेदारी हासिल कर रहा है जो 1,954 करोड़ रुपये के आसपास है। इस लेन-देन में ईवी/ईबीआईटीडीए के 8.9 गुना के मल्टिपल और पी/ई के 12.0गुना के मल्टिपल (वित्त वर्ष 20के आंकड़ों के आधार पर) हैं। एपीएसईज़ेडजीपीएल में डीवीएस राजू एंड फैमिली की 58.1% हिस्सेदारी (~30 करोडद्य शेयर) के लिए भी उनसे बातचीत कर रहा है।
एपीएसईज़ेडके सीईओ और होल टाइम डायरेक्टर, करण अदाणी ने कहा कि जीपीएल का अधिग्रहण एक ऐसे पोर्ट और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाने की हमारी निरंतर रणनीति का एक हिस्सा है जो पूरे राष्ट्र के ग्राहकों की सेवा करने के लिए अपनी क्षमता में बेजोड़ हो। आंध्र प्रदेश के उत्तर में जीपीएल का लोकेशन आंध्र प्रदेश के दक्षिण में स्थित कृष्णापट्टनम पोर्ट के हमारे हाल के अधिग्रहण के लिए रणनीतिक पूरक का काम करता है। हम मानते हैं कि जीपीएल में नई कार्गो श्रेणियों सहित, जिन्हें हम विकसित करना चाहते हैं, अपने बल्क कार्गो टर्मिनलों के लिए पूरक के तौर पर काम करने की काफी संभावनाएं है।
यह पोर्ट हमें निकटवर्ती दूर-दराज के क्षेत्रों तक बड़ी पहुंच प्रदान करता है जो काफी हद तक एपीएसईज़ेड के दायरे में नहीं था, और इस तरह यह पोर्ट हमें व्यापक पोर्ट ग्राहकों की सेवा करने की स्थिति में रखने के साथ-साथ ग्राहकों के एक बहुत बड़े आधार के लिए हमारे समग्र दूर-दराज क्षेत्र के लॉजिस्टिक्स फुटप्रिंट्स का विस्तार करने में सक्षम करता है। हम आंध्र प्रदेश सरकार से मिले समर्थन के लिए सरकार के नेताओं के आभारी हैं और आंध्र प्रदेश के औद्योगीकरण में तेजी लाने के उनके नजरिये का समर्थन करने के लिए हम अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राजू परिवार को एक संपूर्ण विश्व स्तरीय परिसंपत्ति का निर्माण करने के लिए बधाई दी जानी चाहिए जिसमें निवेश करते हुए हमें गर्व महसूस हो रहा है।
वारबर्ग पिंकस के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं हेड विशाल महादेविया ने कहा कि “निवेश के समय ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के रूप में तैयार हुआ, गंगावरम पोर्ट एक विश्व स्तरीय पोर्ट के तौर पर विकसित हुआ है। हम राजू परिवार और गंगावरम पोर्ट टीम के साथ अपनी साझेदारी से बहुत खुश हैं और अदाणीग्रुप के साथ साझेदारी में पोर्ट की निरंतर सफलता के लिए तैयार हैं।
गंगावरम पोर्ट लिमिटेड के चेयरमैन श्री डीवीएस राजू ने कहा कि“हम आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वाले गंगावरम पोर्ट की उल्लेखनीय सफलता पर बहुत गर्व करते हैं, जो भारत के अग्रणी और सबसे कुशल गहरे पानी के पोर्ट्स में से एक है। वारबर्ग पिंकस इस यात्रा में एक सहयोगी भागीदार रहा है, और हम पोर्ट के अगले चरण के विकास में अदाणी ग्रुप का योगदान देखने के लिए उत्सुक हैं।
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के बारे में
विश्व स्तर पर सक्रिय डायवर्सिफायड अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड), एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर भारत के पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म बन चुका है। तटीय क्षेत्रों और दूरदराज के विशाल इलाकों से कारगो के विशाल वॉल्यूम की हैंडलिंग करते हुए, रणनीतिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 12 पोर्ट और टर्मिनल, देश की कुल पोर्ट क्षमता के 24% प्रतिनिधित्व करते हैं। ये पोर्ट और टर्मिनल गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर तथा आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम में स्थित हैं। कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल भी विकसित कर रही है। हमारे "पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म" में हमारी पोर्ट सुविधाएं, एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं, और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र शामिल हैं, जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं। हमारी नज़र अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने पर है। 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने के दृष्टिकोण से, एपीएसईज़ेड विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा देश रहा, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध रहाहै।अधिक जानकारी के लिए कृपया www.adaniports.comदेखें।
वारबर्ग पिंकस के बारे में
वारबर्ग पिंकस एलएलसी एक प्रमुख वैश्विक निजी इक्विटी फर्म है जो विकास निवेश पर केंद्रित है। फर्म के पास प्रबंधन के अंतर्गत 58 बिलियन से अधिक की निजी इक्विटी परिसंपत्तियां हैं। फर्म के सक्रिय पोर्टफोलियो 195 से अधिक कंपनियां हैं और यह स्टेज, सेक्टर और भूगोल के संदर्भ में अत्यधिक विविधताओं वाला है। वारबर्ग पिंकस सस्टेनेबल वैल्यू के साथ टिकाऊ कंपनियों के निर्माण हेतु प्रबंधन टीमों के लिए एक अनुभवी भागीदार है। 1966 में स्थापित, वारबर्ग पिंकस ने 19 निजी इक्विटी फंड जुटाए हैं, जिन्होंने 40 से अधिक देशों में 920 से अधिक कंपनियों में 89 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। फर्म का मुख्यालय न्यूयॉर्क में हें और इसके कार्यालय एम्स्टर्डम, बीजिंग, बर्लिन, हांगकांग, ह्यूस्टन, लंदन, लक्समबर्ग, मुम्बई, मॉरीशस, सैन फ्रांसिस्को, साओ पाउलो, शंघाई और सिंगापुर में स्थापित है। (प्रेसविज्ञप्ति)