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मुम्बई। ‘अप्रैल फूल्स डे’ एक ऐसा दिन होता है जब लोग एक-दूसरे पर जरा भी भरोसा नहीं करते और सभी लोग हर कदम फूंक-फूंक कर रखते हैं। यह दिन एक उबाऊ-सी दिनचर्या को मजेदार बनाने का भी एक तरीका हो सकता है। वैसे एण्डटीवी के कलाकारों ने भी अपने साथ हुए प्रैंक के कुछ मजेदार किस्सों के बारे में बात की। ‘और भई क्या चल रहा है?’ के जफर अली मिर्जा (पवन सिंह) और सकीना मिर्जा (आकांक्षा शर्मा), ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़) और डैनी शर्मा (अनंग देसाई) और ‘हप्पू की उलटन पलटन’ के दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) ने बताया कि कैसे उन्हें फूल बनाया गया!पवन सिंह उर्फ जफर अली मिर्जा कहते हैं, जब मैं स्कूल में था तो किसी ने कहा कि कैंटीन में फ्री में राजमा-चावल मिल रहा है। हमेशा की तरह ही अपनी जीभ से मजबूर गरमागरम खाने की दो प्लेट लेने भागा। वह स्वादिष्ट खाना खाने के बाद, स्टाॅल का मालिक आकर मुझसे पैसे मांगने लगा। उस दिन मैं ना केवल फूल बना था, बल्कि मेरी जेब भी कट गयी थी! लेकिन हां राजमा-चावल थे बड़े कमाल के!
आकांक्षा शर्मा उर्फ सकीना मिर्जा कहती हैं, ‘‘एक रात 1 बजे मेरी नींद खुल गयी और मैं पानी पीने के लिये कमरे से बाहर गयी। उस समय मेरी मां भी जगी हुई थीं और उन्होंने मुझसे कहा कि सुबह हो गयी है और मुझे स्कूल के लिये तैयार हो जाना चाहिये। आधी नींद में ही मैंने अपना यूनीफाॅर्म पहन लिया, अपना बैग पैक कर लिया और बस के लिये तैयार हो गयी। उसके बाद मेरी मां जोर-जोर से हंसने लगीं और मुझसे कहा कि जाओ सो जाओ। मैं बहुत गुस्सा हुई, लेकिन नींद आने की वजह से अपनी यूनिफाॅर्म में ही सोने चली गयी और जब सुबह उठी तो अपने स्कूल के लिये तैयार थी!
रोहिताश्व गौड़ उर्फ मनमोहन तिवारी कहते हैं, ऐसा ‘भाबीजी घर पर हैं’ के सेट पर हुआ, जब मुझे बताया गया कि 1 अप्रैल को पूरी टीम की छुट्टी है। मुझे याद है मेरे बच्चे मुझे आगाह कर रहे थे कि यह ‘अप्रैल फूल्स’ का मजाक हो सकता है। थोड़ी देर बाद मुझे प्रोडक्शन मैनेजर का काॅल आया कि सेट पर आ जाओ, आज वर्किंग डे है। मैं भागा-भागा सेट पर पहुंचा और वहां कोई भी नहीं था। तब मेरे शरारती को-स्टार आसिफ शेख ने मुझे बुलाया और कहा आप अप्रैल फूल बन गये!
अनंग देसाई उर्फ डैनी शर्मा कहते हैं, मुझे काॅमेडी करना पसंद है, लेकिन मेरी उम्र की वजह से काफी लोग मुझे मस्तीखोर और सहज व्यक्ति के रूप में नहीं देखते। मुझे याद है एक लड़का मेरे पास मेरा आटोग्राफ मांगने आया। उसके हाथ में रखा पेन नीचे गिर गया और सारा इंक मेरे सफेद कुरते पर फैल गया। मैं बहुत जल्दी में था और मुझे लगा कि कहीं मैं लेट ना हो जाऊं। इसके बाद वह लड़का हंसने लगा और जोर से चिल्लाया ‘हैप्पी अप्रैल फूल्स डे! जब मैंने देखा तो मेरे कुरते से सारे निशान गायब हो गये थे। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह सिर्फ पानी था। बच्चों के सामने हम बड़े ही फूल बन गये!
योगेश त्रिपाठी उर्फ दरोगा हप्पू सिंह कहते हैं, वैसे तो ज्यादातर मैं ही जोकर बना रहता हूं लेकिन इस बार ‘अप्रैल फूल्स डे’ पर मेरी पत्नी ने मुझ पर प्रैंक किया। उस दिन हमारी हाऊस हेल्प नहीं आने वाली थी और मेरी पत्नी ने मुझे दिन का खाना बनाने को कहा। मैंने किसी तरह दो डिशेज बनायीं और पूरा किचन गंदा कर दिया। इतने में हमारे दरवाजे पर घंटी बजी और हमारी हाऊस हेल्प सामने से आती नज़र आयी। मेरी पत्नी जोर-जोर से हंसने लगी और मेरा पकाया खाना देखकर हैरान भी हो रही थीं। इस साल मैं अपना बदला लेने की सोच रहा हूं!