चैट कम्युनिटी हेल्थ ग्रुप ग्वालियर की बैठक

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ग्वालियर। चैट कम्युनिटी हेल्थ ग्रुप,ग्वालियर की बैठक, थाटीपुर, स्थित, ओम नगर में आर.ए. मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित गई। बैठक में 15 सदस्य उपस्थित हुए। इस बैठक मैं चैट कम्युनिटी हेल्थ ग्रुप के सदस्यो के साथ समुदाय से भी लोग उपस्थित हुए। जिन्होंने अपने क्षेत्र की समस्या को रखा ओर प्रमुख निर्णय लिए गये। बैठक में सक्रिय सहभागि जता कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाकर उन पर इस माह काम करने का निश्चय किया गया। उपस्थित हुए सहभागी श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था, डॉ. पुरुषोत्तम अर्गल, लक्षमी सिंह, डॉ.मोती लाल यादव, जहाँआरा (बीडिओ वोलेंटियर), आर.ए. मित्तल (से.नि.सहायक आयुक्त, आयकर विभा ), गोपाल सिंह जोहरी (सामाजिक कार्यकर्ता), मुन्ना लाल गोयल, पुष्पा बौद्ध, कलावती जाटव, दयावती, युवराज खरे, मिथलेश जाट ,अमीन खान, एड्वोकेट, उच्च न्यायालय शामिल हुए। 

मीटिंग में निम्न मुद्दे पर बात की गई : समुदाय के द्वारा बताया गया कि आयुष्मान कार्ड का लाभ कई निजी हॉस्पिटल नहीं दे रही ओर कुछ जगह शासकीय हॉस्पिटल से लाभ नही मिल  पा रहा। जिस पर जहाँआरा ने बताता की केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य की दृष्टि से आयुष्मान कार्ड बनाने की योजना लाई गई ताकि हर जरूरत मंद लोग बड़ी से बड़ी बीमारी का उपचार कर सके। समुदाय की महिलाओं ने कहा कि नदी पार टाल क्षेत्र  सुजाता  की जनसंख्या 2300 के आस पास होने के बाबजूद  से 50℅ लोगो के आयुष्मान कॉर्ड किसी न किसी कारणों के चलते नहीं बनाये जा रहे है जिससे यहाँ के समुदाय लोग लाभ से वंचित है। जिनके बने हुये है जो कि  30℅ जो लोग है उनके आयुष्मान कॉर्ड होने के बावजूद उन्हें गंभीर बीमारी पर भी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दिया जा रही है। ग्वालियर जिले के कल्याण हास्पिटल और ग्लोबल हॉस्पिटल में आयुष्मान कॉर्ड धारी को लाभ नहीं मिल पाने की समस्या को रखा गया। 

इस कार्ड से  गंभीर बीमारी पर हितग्राही को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कराने का प्रावधान है लेकिन महिला को न तो सरकारी हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा दी गई और न निजी हॉस्पिटल इलाज की सुविधा दी गई। बीमार व्यक्तियों को सही जानकारी भी न दी जाने के कारण बीमार व्यक्ति को इस योजना से लाभ लेने से वंचित हो रहे है।, पुष्पा बोद्ध ने अपनी बात को रखते हुए बताया कि स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वास्थ्य  विभाग के द्वारा संस्थागत बढ़ावा देने के लिए   गर्भवती माता को डिलेवरी के बाद शहरी क्षेत्रों में राशि देने का प्रावधान है जो कि डिलेवरी वाली माता को अच्छा पोषण आहार खाने के लिए महिला के खाते में  राशि दी जाती है लेकिन कोविड़-19 के बाद से डिलिवरी वाली महिला के खाते में अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई राशि नहीं दी गई जो कि चिंतनीय विषय है।, गोपाल सिंह जोहरी ने बताया गया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में दवाईयां तो उपलब्ध हो गई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग व महिला एकीकृत बाल विकास के द्वारा जो मेडिसीन किट पहुचाई जाती है जब उस दवाई का एक्सपायरी डेट का कुछ समय बचता है और गर्भवती महिला, आंगनवाड़ी में बच्चे, किशोरी बालिकाएं तक पहुचते ही उस दवाई गोलीयों की डेट खत्म हो जाती है। महिलाओं का कहना है कि हितग्राहियो को मिलने वाली ओ.आर.एस., आयरन फोलिक एसिड की गोली, और कैल्शियम की गोली को केंद्रों पर सही टाइम पर पंहुचाया जाय और आगाँनवाडी सहायिका के निगरानी में न दिया जाए क्योकि  सहायिका कम पड़ी लिखी रहती है उनके ऐसी दवाईयां देने से कभी भी कोई घटनाएं हो सकती है। 

यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में जहाँआरा (सामुदायिक संवाददाता) ग्वालियर ने देते हुए बताया कि बैठक में उठाये गये मुद्दों के समस्या के रणनीति तैयार कर इस पर समाधान के लिए डॉ. पुरुषोत्तम व उनके साथी निजी चिकित्साल गलोबल हॉस्पिटल और कल्याण हॉस्पिटल आदि में जाकर वहाँ के डॉक्टरों से चर्चा कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने का प्रयास करेंगे। जहाँआरा वॉर्ड न. 24,व 1 तथा 2, की आंगनवाड़ी में आने वाली ए.एन.एम. से मिलकर, चर्चा कर आवेदन तैयार कर स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास को दिया जाएगा। श्रीप्रकाश सिंह निमराजे और मिनफ खान के द्वारा सुजाता बिहार कालोनी की धात्री महिलाओ से चर्चा कर ओर इससे संबधित तथ्य व डॉक्यूमेंट को इकठ्ठा कर आवेदन तैयार कर स्वास्थ्य विभाग अधिकारी को दिया जाएगा।