डॉ. अम्बेडकर की रचना 'रुपये की समस्या-उसका उद्भव और प्रभाव' और 'भारतीय चलन व बैकिंग का इतिहास' और 'हिल्टन यंग कमीशन के समक्ष उनके साक्ष्य' के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 1अप्रैल 1935 में हुई थी। सिंबल ऑफ नॉलेज "भारतीय संविधान निर्माता" बोधिसत्व महामानव, विश्वरत्न, महान अर्थशास्त्री, डॉ.बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर जी की देन है l जिसके कारण भारत में प्रत्येक वर्ष 1 अप्रेल से वित्तीय वर्ष की शरूआत होती है। जिससे बहुत ही कम लोग परचित है। इसकी जानकारी हर स्तर पर होते रहना चाहिये।
भारतीय रिजर्व बेक की स्थापना बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर ने लिखे हुये निर्देशक सिद्धान्त के आधार पर की गई। भारतीय रिजर्व बेक की स्थापना कार्यपद्धति ओर उसका दृष्टिकोण बाबासाहब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था। जब से कमीशन भारत मैं रॉयल कमीशन आँ इंडियन करेंसी एड फिनांस के नाम से आया था तो इसके सदस्यो ने बाबा साहब ने लिखी हुई पुस्तक दी प्रॉब्लम ऑफ दी रूपी इट्स आरिज न एड़ सॉल्यूशन की जोरदार वकालत की,उसकी पुष्टि की।
ब्रिटिश की वैधानिक सभा लेसिजलेटिव असेम्बली ने इसे कानून का स्वरूप देते हुये भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। यह एक दिवसीय संवाद सुजाता बुद्ध विहार, ओमनगर, थाटीपुर, ग्वालियर पर किया गया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में आर.ए. मित्तल (से.नि.सहायक आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग), शोधार्थी युवराज खरे, जहाँआरा (उप वार्डन नागरिक सुरक्षा एवं सामुदायिक मीडिया वीडियो वोलेंटियर), ऎश्वर्या वरुण, जगनाथ (कोमी एकता), पुष्पा बोद्ध ,रामहेत सिंह ,लक्ष्मी सिंह (शोधार्थी) डॉ. मोतीलाल यादव आदि रहे और इन सभी ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के प्रारभ भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम के प्रांगण में स्थापित डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उसके बाद भंते जीवक ने बुद्ध वन्दना कराई गई। कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश गोपाल सिंह जोहरी ने डाला ओर संस्था की जानकारी से मंजू मसोरिया ने प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभिन्न बुद्धजीवी, चिंतन शील लोगों ने भी विचार रखते हुए पे बैंक के कॉन्सेप्ट की विचार को विकसित करने पर जोर दिया। प्रमुख जितेंद्र उचारिया, शुभम बोद्ध, मुन्नालाल जाटव, संध्या निगम, दयावती जोहरी, रामश्री मंडेलिया ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हुये लोगों को प्ररित किया ओर महिलाओ की सक्रिय भागीदारी पर बल दिया। आभार प्रदर्शन पुरषोत्तम अर्गल ने किया। (प्रेस विज्ञप्ति)