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मुम्बई। एण्डटीवी के ‘मौका-ए-वारदात‘ में बेहद ही खौफनाक केस की झलक पेश कर रहे, भोजपुरी के मेगास्टार रवि किशन ने इस शो और अपनी भूमिका के बारे में विस्तार से बात की।
इस शो में अपनी भूमिका के बारे में बतायें। क्या आपको क्राइम शोज़ देखना पसंद है?
यदि आपने यह शो देखा है तो आपने देखा होगा कि मैं कई सारी घटनाओं की झलक पेश कर रहा हूं, जोकि दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि असंभव नज़र आने वाले अपराध किस तरह सोचे गये और उन्हें अंजाम दिया गया। मुझे अपराध-आधारित शोज़ रोमांचक और जानकारीप्रद लगते हैं क्योंकि इससे मुझे यह जानने में मदद मिलती है कि मेरे आस-पास किस तरह के अपराध हो रहे हैं। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि हम किस तरह संभलकर और सावधान रह सकते हैं। मेरा मानना है कि हर किसी के अंदर जिज्ञासा होती है, वे ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं। यदि कोई भी क्राइम शो देखता है तो उनके लिये मुख्य चीज होती है कि यह हुआ कैसे, किसने इसे अंजाम दिया और आगे क्या होगा। लेकिन यह शो इस बात पर दिलचस्पी जगाने में नहीं कि किसने इसे किया, बल्कि इस बात पर कामयाब हो रहा है, यह कैसे हुआ। जब मैंने इस शो को साइन किया था, तो मुझे विश्वास था कि ‘मौका-ए-वारदात‘ में दर्शकों के दिलों को छूने की क्षमता है। इसमें जिस तरह की कहानियां दिखायी जा रही हैं और उसे जिस तरह से पेश किया जा रहा है, वह निश्चित रूप से दर्शकों से जुड़ाव बना रही हैं।
आपने इस भूमिका के लिये किसी तरह की खास तैयारी की है?
जी हां, बिलकुल। मुझे पूरी कहानी और उसकी गहराई समझने की तरफ पूरा ध्यान देना पड़ा। आपके डेली ड्रामा या काॅमेडी से क्राइम जोनर कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है; इसमें ज्यादा गंभीरता की जरूरत होती है। कुछ कहानियां तो बहुत ही डरावनी हंै, जोकि आपकी आत्मा को हिलाकर रख देती है। कहानियों को पढ़ने के दौरान मुझे जिस तरह का खौफनाक अहसास हुआ, ऐसा ही अनुभव कैमरे पर कराना चुनौतीपूर्ण था। इसलिये मैंने अपनी आवाज की गंभीरता और उसकी गहराई पर काम किया। अपने शब्दों और प्रस्तुति के माध्यम से मैंने दर्शकों को अपने उन शब्दों का हिस्सा बना लिया। वह भी उस भावना को महसूस कर सकें, जिससे कि मुझे हर कहानी के ट्विस्ट या क्लाइमेक्स में गुजरना पड़ा।
आप टेलीविजन और फिल्मों में रहे हैं, आपको इन दोनों माध्यमों में से कौन-सा ज्यादा पसंद है और क्यों?
दोनों में से किसी एक चुनना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि दोनों के लिये मेरे पास काफी अच्छे अनुभव हैं। 600 से भी ज्यादा फिल्में करने के बाद, मैंने इस कला और अभिनय में महारत हासिल की है। लेकिन जब हम टेलीविजन की बात करते हैं तो इसने मुझे नई जिंदगी दी! बहुत कम लोगों के साथ ऐसा होता है कि उन्हें सिर्फ एक नहीं, बल्कि दो सबसे महत्वपूर्ण कला माध्यमों में नाम और शोहरत हासिल हो सके। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं उनमें से एक हूं। टेलीविजन इंडस्ट्री ने मेरे व्यक्तित्व को नया आयाम दिया; इसने मेरी क्रिएटिविटी को विस्तार दिया है, मैं ज्यादा से ज्यादा चीजें सीख पाया और प्रयोग कर पाया। हर शो के लिये मुझे काफी तारीफें और पहचान मिली।
अपराध या कोई ऐसी दुखद घटना का आपका अपना अनुभव या फिर आप उसके गवाह रहे हों (वर्तमान में या फिर पहले कभी) जिसने आपको एक नागरिक के तौर पर ज्यादा सतर्क और सावधान बनाया हो?
मेरे क्षेत्र में गलत कामों और अपराध से संबंधित पहले इस तरह की कई ऐसी वारदातें सामने आयी हैं। अपने आस-पास इस तरह के अपराधों के बारे में सुनकर बहुत दुख होता है। हमारे पुलिस बल और अधिकारियों के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, नागरिकों को इस तरह की घटनाओं को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। याद रखने लायक इस तरह की कोई घटना या दुखद वारदात नहीं है। लेकिन अपने आस-पास की घटनाओं पर मैं नज़र रखता हूं ताकि खुद को अपडेट रख पाऊं और सावधान रह सकूं।
अभी आपके और कौन-कौन से प्रोजेक्ट आने वाले हैं?
अभी मैं तीन वेब-सीरीज, पांच हिन्दी और चार भोजपुरी फिल्में कर रहा हूं। कहने का मतलब है कि इस साल मैं पूरे 12 प्रोजेक्ट कर रहा हूं! उन सबके लिये मुझे कई सारी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ रहा है और गोरखपुर में मेरे जितने भी समर्थक हैं उन सबसे मैं कहना चाहूंगा कि कुछ बेहद ही दिलचस्प आने वाला है।
अपने दर्शकों/पाठकों को कोई मैसेज देना चाहेंगे?
मैं अपने दर्शकों से बस इतना ही कहना चाहूंगा कि अपनी आंखें खुली रखें। सतर्क रहें और संभावित अपराधों पर नज़र रखें। आपकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। सभी अपराधी एक जैसे नहीं दिखते या व्यवहार नहीं करते। इसलिये यह जरूरी है कि आप अपने आस-पास को लेकर सतर्क रहें और अपने बच्चों को सही तथा गलत के बीच का फर्क बतायें। सबसे जरूरी बात सावधान और सचेत रहें। यह एक मिला-जुला प्रयास है। सबसे जरूरी चीज कि यह हमारे अपनों की जिंदगी दुनिया की बाकी किसी भी चीज से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।