वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद हैं
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मेरे देश में यह क्या हो रहा है...!
कोरोना महामारी से कहर बरप रहा है
आदमी बिना दवा के मर रहा है
आक्सीजन बिना सांसें खो रहा है
ब्लैक में आक्सीजन-दवा बेच लोग मालामाल हो रहा है
पैसा नहीं तो शव अस्पताल से सड़क पर फिक रहा है
एम्बुलैंस नहीं तो शव साईकिल-ठेले पर जा रहा है
अपने नहीं तो हिन्दू को मुसलमां कंधा दे रहा है
एम्बुलैंस से चिता तक पहुंचाने के पांच हजार ले रहा है
शमशान में भी लाइन में पडा़ वह सड़ रहा है
शमशान नहीं तो सड़क-फुटपाथ पर जल रहा है
वहां भी जगह नहीं तो गंगा में बह रहा है
वहां नहीं तो नदी किनारे दफन हो रहा है
सारा देश लाशों से पट रहा है
कोई घर-परिवार कोरोना से नहीं बच रहा है
भाग्य विधाता मित्रो-मित्रो कह बता रहा है
यह अवसर की ताकत है, सब ठीक हो रहा है
मेरा देश अब वर्ल्ड फार्मेसी बन गया है
देश आत्म-निर्भर बन गया है
गर्व से कहो देश विश्व गुरू बन रहा है
यह अवसर की ताकत है,सब ठीक हो रहा है
सब ठीक हो रहा है...!!