पितृ शोक के बावजूद हावी कोरोना वॉरियर्स में डयूटी के प्रति जिम्मेदारी
नवोदिता शर्मा की रिपोर्ट
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जयपुर। कोरोना काल के पिछले डेढ़ वर्ष से चिकित्सा विभाग की ओर से कोरोना से सबंधित मुख्य धारा की सेवाओ से जुड़कर सतत आपनी समर्पित सेवाएं देने वाले चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय राज जोशी के पिताजी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा का दिनांक 19 मई 2021 को दौसा जिले के ग्राम गिरधरपुरा में निधन हो गया।
पितृ शोक के इतने बड़े आघात के बावजूद कोविड़ काल मे जनता के प्रति अपने कार्य प्रभार की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देते हुए डॉ. जोशी पिताजी की अंतिम क्रियाए कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी करवा कर तुरंत प्रभाव से अपने पैतृक गांव से लौटकर अपनी सेवाकार्यो में तत्परता से जुट गए।
वर्तमान में जयपुर जिले में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए राजस्थान सरकार द्वारा ए डी एम जयपुर के नैतृत्व में गठित त्रि सदस्यीय समिति के सदस्य तौर पर जिले के समस्त सरकारी और गैर सरकारी कोविद डेडिकेटेड हॉस्पिटल की ऑक्सिजन आपूर्ति के साथ साथ सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के ड्रग वेयर हॉउस के प्रभारी अधिकारी के तौर पर जयपुर के एस.एम.एस ,आरयूएचएस, जयपुरिया, ईएसआई समेत समस्त सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों के लिए रेमेडिसिवर सहित समस्त कोविद दवाओं की आपूर्ति सुनिचित करने की जिमेदारी के चलते उसके अलावा ईइसआई, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर सहित विभिन्न मुख्य अस्पतालों के नोडल ऑफिसर प्रभारी होने के नाते वहां की समस्त सारी व्यवस्थाएं सुचारु रखने की जिम्मेदारी के भार के साथ-साथ रेपिड एंटीजन टेस्ट किट आरएमआरसीएल के नोडल प्रभारी ओर वैक्सीनशन की प्रक्रिया एवं व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने हेतु सी.एम.एच.ओ. जयपुर प्रथम की संलग्न टीम के कोर मेंबर के नाते लगातार आपनी जिम्मेदारियों के निर्वाहन में लगे और कोविद काल मे लागातर जनता की सक्रिय सेवा में लगे डॉ. जोशी का जज्बा अनुकरणीय है।
जिन्हें अहसास है कि पिताजी के जाने की व्यक्तिगत क्षति की कोई पूर्ति नहीं बावजूद इसके इस दु:खद अवसर पर भी जिम्मेदारी का अहसास उन पर हावी है जिसके रहते उन्हें पता है कि सरकार और विभाग ने उन की क्षमताओं पर भरोसा करके जो जिम्मेदारियां उन्हें दी है उनसे विश्राम का अर्थ है जिले स्तर पर आज की भारी जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति ओर राज्य के विभिन्न जिलों में दवाइयों की आपूर्ति बाधित ना हो जनता को परेशानी ना हो इस उद्देश्य से आज पिताजी के निधन की तरहअपनी निजी क्षति के बावजूद तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौट कर जन सेवा में तत्परता से जुट गए है ताकि लोगो के परिवारजनों की जीवन रक्षा में अपना योगदान दे सके। ऐसे हमारे कोरोना वॉरियर्स जो अपनी निजी जिंदगी में विषमतम परिस्थिति के बाद में अपने जनता की सेवा में फौलाद बन कर डटे हुए है।