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मुम्बई। रमज़ान के पवित्र महीने में रोज़ा, इबादत, खाना-पीना, तोहफे, परिवार और दोस्ते काफी महत्वन रखते हैं। सोनी सब के ‘जीजाजी छत पर कोई है’ की सीपी यानी हिबा नवाब अभी इस पाक महीने में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बरेली में हैं।
आइये हम हिबा को थोड़ा और करीब से जानें। एक छोटी-सी मुलाकात में उन्होंने रमज़ान से जुड़ी अपनी सबसे मीठी यादों, खाने के अपने शौक के बारे में बताया। साथ ही इस साल वह अपने होमटाउन में रमज़ान कैसे बिता रही हैं, उसके बारे में भी बात की।
रमज़ान के पावन महीने के बारे में उन्हों ने कहा, मेरा मानना है कि इस पाक महीने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रोज़ा और प्रार्थना है, जिसका मतलब है इबादत। इसके लिये रोज़ा रखकर कुरान पढ़ा जाता है। हम इस महीने इबादत करते हुए हर पल की यादों को संजोकर रखते हैं। मुझे लगता है कि जरूरतमंद लोगों की मदद करना और उनके लिये कुछ करना जरूरी होता है। रमज़ान के पवित्र महीने से जुड़ी मेरी सबसे अच्छी याद उन दिनों की है, जब मैंने पहली बार रोज़ा रखा था। उस वक्त मैं आठ साल की थी और रमज़ान के लिये बहुत रोमांचित थी। उस महीने हमने कुछ स्वातदिष्टै व्यं जन खाये थे और इस साल मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ बरेली में हूं और रमज़ान और ईद मनाने का ऐसा मौका बड़े दिनों बाद मिला है। मैं पूरे साल तली हुई चीजें खाने से बचती हूं, लेकिन रमज़ान के समय दिल खोलकर मसालेदार और तली हुई चीजें भी खा लेती हूं। सेहरी के लिये मेरा पसंदीदा पकवान है ‘खाजला’ और मुझे मीठी डिशेज खाना पसंद है, क्योंलकि वह मुझे ललचाती हैं। रमज़ान के लिये मेरा संकल्प है ज्या दा से ज्यादा इबादत करना।
इस साल ईद मनाने की अपनी योजनाएं बताते हुए, उन्हों ने कहा, ईद आस्था रखने वाले उन सभी लोगों के लिये एक खास दिन होता है, जो पूरे महीने रोज़ा रखते हैं। खाना ईद से जुड़ी मेरी पसंदीदा चीजों में से एक है। मुझे सबसे ज्याेदा मजा बिरयानी खाने में आता है। हर ईद पर मैं खूब सारी स्वांदिष्टे चीजें खाती हूं और दोस्तोंन तथा परिवार के साथ अच्छा समय बिताती हूं। मेरा मानना है कि ईद उत्सव और खुशियों के लिये आती है। इस दिन आमतौर पर मैं जरूरतमंदों को मिठाइयां और खाना देती हूं और उनके चेहरे पर मुस्कुराहट लाने की कोशिश करती हूं।