गुढा साल्ट से सांभर आठ किलोमीटर का मार्ग कच्चा होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है
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सांभरझील (जयपुर)। ग्राम पंचायत गुढ़ा साल्ट से सांभरलेक करीब आठ किलोमीटर मार्ग की कई वर्षों बाद भी सुध नहीं ली जा रही हैं, जिसके चलते यहां से गुजरने वालों को कई सालों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुढा साल्ट व सांभरलेक के ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में तो इस मार्ग से निकलना लगभग बंद ही हो जाता है। चौमासा में बारिश अधिक हो जाने से करीब चार माह तक तो यह मार्ग पूरी तरह से बंद रहता है। यहां कि मिट्टी अत्यधिक चिकनी होने के कारण हल्की बारिश में भी इस मार्ग से निकलना बेहद ही मुश्किल हो जाता है, जिसके चलते गुढा साल्ट व सांभर आने जाने वाले वाहन चालकों को कई किलोमीटर अधिक दूरी का चक्कर लगाना पड़ता है। उक्त समस्या को लेकर कई बार सम्बन्धित विभाग को अवगत कराया गया लेकिन तक समाधान नहीं होने से यह समस्या आज तक बरकरार है, जिसकी वजह से गुढा साल्ट, चौसला, कुणी, बनगड, वावना का बेरा , राजास, जाबदीनगर, गोविन्दी, मारवाड़, नानणा, डाबसी अनेक गांवों के हजारों लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है।
गुढा साल्ट, सांभर तथा आसपास के स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मार्ग नावा से वाया गुढा साल्ट से सांभरलेक के लिए बहुत ही सुविधाजनक और सीधा मार्ग है क्योंकि नावा से सांभरले इस मार्ग की तुलना में करीब 3 गुना अधिक लंबा पड़ता है इसके बावजूद भी इस मार्ग को सही करवाने व ग्रेवल सड़क बनाये जाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। काबिले गौर है कि इस सात किलोमीटर मार्ग पर केवल सांभर की ओर से आने वाले मार्ग तक कुछ दूरी तक केवल ग्रेवल सड़क बनवायी गई है। गुढा साल्ट रेलवे स्टेशन के पास रिफाइनरी होने से यहां पर सैकड़ों लोग रोजगार के लिये आते है। विभाग की लापरवाही की वजह से नियमित नालो की साफ सफाई का अभाव बना हुआ है तो अनेक जगहों पर कचरे के ढेर देखे जा सकते है। विगत कई दिनों से नाले का मलबा मुख्य मार्ग पर डालकर यहां ढेर लगा दिये जाने से मार्ग पर चारों और कीचड़ ही कीचड़ फैल गया जिससे लोगों की परेशानी और बढ गयी है। मार्ग पर फिसलन होने से कई वाहन चालक पिछले चार-पांच दिन में चोटिल भी हो चुके हैं, फिर भी विभाग की कुम्भकर्णी नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है।