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मुम्बई। प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण दुनियाभर में निस्संदेह पर्यावरण की सबसे विकट समस्याओं में से एक है और इसका एक समाधान है सिंगल-यूज प्लास्टिक पर रोक लगाना या प्लास्टिक की थैलियों को प्रतिबंधित करना। पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभावों को देखते हुए, सिंगल-यूज प्लास्टिक या डिस्पोजेबल प्लास्टिक पर हमारी निर्भरता का कम होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता जा रहा है। ‘इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे’ पर उत्तर प्रदेश से आने वाले एण्डटीवी के कलाकार हम लोगों से सिंगल-यूज प्लास्टिक्स का इस्तेमाल रोकने के लिये ज्यादा पर्यावरण-हितैषी तौर-तरीकों को अपनाने का आग्रह कर रहे हैं! यह कलाकार हैं- हप्पू की उलटन पलटन के दरोगा हप्पू सिंह, यानि योगेश त्रिपाठी, और और भाई क्या चल रहा है? के रमेश प्रसाद मिश्रा, यानि अंबरीश बाॅबी और शांति मिश्रा, यानि फरहाना फातेमा।
एण्डटीवी के और भाई क्या चल रहा है? में रमेश प्रसाद मिश्रा की भूमिका निभा रहे अंबरीश बाॅबी ने कहा, अपने पर्यावरण को बचाने के लिये हम सभी को प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल और उन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिये मिलकर उपाय करने की जरूरत है। और इसकी शुरूआत हमारे अपने घरों से होती है। प्लास्टिक की थैलियों के बजाए जूट या कपास की थैलियों को अपनाकर इसकी शुरूआत करें, खासकर किराना की खरीदारी करते समय। दूसरा तरीका है अपने रसोईघर में खाने की चीजें रखने के लिये ग्लास कंटेनर्स को अपसाइकल करें। जहाँ भी और जब भी संभव हो, प्लास्टिक्स के बजाए कागज को इस्तेमाल करने का सही और जिम्मेदार निर्णय लें। लखनऊ में, लगभग 2000 टन सिंगल-यूज प्लास्टिक को हटाने के लिये, राज्य सरकार ने सिंगल-यूज प्लास्टिक से 1500 किलोमीटर सड़क बनाने का एक अनोखा, महत्वाकांक्षी और पर्यावरण-हितैषी उपाय किया है। मुझे लगता है कि इससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं और प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
एण्डटीवी के और भाई क्या चल रहा है? में शांति मिश्रा का किरदार अदा कर रहीं फरहाना फातेमा ने कहा, प्लास्टिक बैग फ्री डे लोगों को पर्यावरण सम्बंधी चिंताओं की याद दिलाने और सकारात्मक संदेश देने का एक बेहतरीन अवसर है। जब भी हम प्लास्टिक के इस्तेमाल को नकारते हैं, तब धरती के प्राकृतिक फैब्रिक्स का समर्थन और स्वागत करते हैं। बतौर नागरिक हमारा लक्ष्य केवल सिंगल-यूज प्लास्टिक को मिटाने तक सीमित नहीं होना चाहिये, बल्कि हमें जूट, पटसन और कपास जैसे विकल्पों को बढ़ावा भी देना चाहिये। महिलाओं के स्वच्छता सम्बंधी उत्पादों से लेकर आपके टूथब्रश तक, सभी चीजें इस क्रांतिकारी बदलाव का हिस्सा हो सकती हैं। तो प्लास्टिक को छोड़े और शानदार जीवन जियें!
एण्डटीवी के हप्पू की उलटन पलटन में दरोगा हप्पू सिंह की भूमिका निभा रहे योगेश त्रिपाठी ने कहा, हमें प्लास्टिक्स पर अपनी निर्भरता को कम करने की जरूरत है। प्लास्टिक के इस्तेमाल से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिये हमें सुधारात्मक उपाय करने होंगे। इसकी एक छोटी शुरूआत अपने घर के पौधों में प्राकृतिक खाद डालकर या आस-पास की झाड़ियों को हटाकर की जा सकती है। प्लास्टिक को एक ओर रखें और लोगों को उससे हो सकने वाले खतरों की याद दिलाएं। अपने घर की परिधि में ही सफाई अभियान चलाने से आपको उसके भीतर और आस-पास प्लास्टिक के उपभोग का सही अंदाजा मिलेगा। कृपया अपने लोकल वेंडर्स से इसके बारे में बात करें और उनसे बदलाव करने का अनुरोध करें! मैं सभी से प्लास्टिक-मुक्त और प्रदूषण-मुक्त होने का आग्रह करता हूँ।