एसीएस सुधांश पंत ने की जिले में कोविड प्रबंधन की समीक्षा
सैम्पलिंग में बढोतरी, कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर की पालना और वैक्सीनेशन जरूरी
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जयपुर। जयपुर जिले के प्रभारी सचिव एवं जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि आने वाले दो हफ्ते कोविड के सम्बन्ध में हमारी स्थिति को निर्धारित करेंगे। राहत की बात है कि जिले में कोविड संक्रमण की दर घट कर करीब 5 प्रतिशत रह गई है, लेकिन इसे लेकर अभी निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता। संक्रमण दर में और कमी लाने के लिए सभी स्तरों पर सक्रिय प्रयासों के साथ ही जनता द्वारा श्कोविड एप्रोपिएट बिहेवियरश् की पालना जरूरी है।
पंत शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक लेकर जिले में कोविड संक्रमण एवं प्रबंधन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बाद अब कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर की पालना कराने पर पूरा फोकस किया जाए। बाजार एवं सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और हाथों को सेनेटाइज करने जैसी सावधानियों से ही स्थिति में निरंतर सुधार लाया जा सकता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव पंत ने अधिकारियों को कोविड संक्रमण की दर में और कमी लाने के लिए सैम्पलिंग में पर्याप्त बढ़ोतरी, कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर की पालना और अधिक से अधिक लोगों को तेजी से वैक्सीनेशन के दायरे में लाए जाने के ‘तीन सूत्रों’ पर पूरा फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेजे जाएं। साथ ही पर्याप्त मानव संसाधन, विभिन्न श्रेणी के बैड्स, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स एवं अन्य उपकरण, आवश्यक दवाएं जैसे सभी पक्षों को मजबूत किया जाए।
बैठक में जेडीसी गौरव गोयल ने जयपुर के अस्पतालों में विभिन्न श्रेणी के बैड्स की उपलब्धता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डोर टू डोर सर्वे का दूसरा दौर शहर में अगले पखवाड़े तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा मजदूरों के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में अधिक से अधिक काम स्वीकृत करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि जयपुर के सभी बड़े हॉस्पिटल जुलाई मध्य तक ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।
जयपुर जिला कलक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि जिले में सैम्पलिंग एवं विशेष अभियान चलाकर 45 से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों का वैक्सीनेशन बढाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या के आधार पर जिले की 606 ग्राम पंचायतों को ग्रीन, येलो एवं रेड की श्रेणी में बांटकर संक्रमण को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। आईएलआई मरीजों के पता लगाने के लिए डोर टू डोर सर्वे कर रही टीमों के साथ ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों का सर्वे भी कराया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में भी सर्वे जारी है। विभिन्न व्यापार मण्डलों से बात कर स्थानीय स्तर पर श्जन अनुशासन समितिश् का गठन कराया गया है, जिसमें नगर निगम एवं वाणिज्य कर विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राहुल प्रकाश ने बताया कि मॉडिफाइड लॉकडाउन में कोरोना एप्रोपिएट बिहेवियर की पालना कराने के लिए 68 मोबाइल टीमें के माध्यम से प्रोटोकॉल की अवहेलना पर कार्यवाही की जा रही है। हर थाने पर पांच नाके भी लगे हुए हैं। सीईओ जिला परिषद श्रीमती पूजा पार्थ ने ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे एवं नरेगा साइट्स पर कार्य की स्थिति की जानकारी दी।
बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शंकर दत्त शर्मा, डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख, हेरिटेज नगर निगम के आयुक्तअवधेश मीना, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम इकबाल खान,अतिरिक्त जिला कलक्टर अशोक कुमार,अतिरिक्त जिला कलक्टर उत्तर बीरबल सिंह, सीएमएचओ प्रथम डॉ.नरोत्तम शर्मा एवं सीएमएचओ द्वितीय डॉ.हंसराज भदालिया, आरसीएचओ डॉ. प्रवीण झरवाल एवं डॉ.पुष्पा चौधरी तथा डिप्टी सीएमएचओ डॉ.सुरेन्द्र सैनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।