विधायक की शिकायत के बाद भी निर्माण सामग्री के नमूने जांच में नहीं भेजे
एनआरएचएम के एईएन ऑक्सीजन प्लाण्ट को देखने पहुंचे तथा बिना नमूना लिये ही वापस चले गये
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर सीएचसी में बन रहे ऑक्सीजन प्लाण्ट के निर्माण को लेकर लगायी जा रही कथित घटिया सामग्री की जांच कराने को लेकर सम्बन्धित विभाग ने अभी तक मौके से कोई सैम्पल नहीं उठाया है, जबकि विधायक निर्मल कुमावत ने 17 जुलाई को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन विभाग के सहायक अभियन्ता को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि ठेकेदार की ओर से निम्न गुणवत्ता वाली घटिया सामग्री काम में ली जा रही है, जिसमें मिट्टी की घटिया किस्म की ईंटों का उपयोग किया जा रहा है। विधायक कुमावत ने विभाग को यह भी बताया कि निर्माण में जिस बजरी का उपयोग किया जा रहा है वह भी निर्धारित मानक की नहीं है। प्लेटफार्म के चारों और डीपीसी भरे बिना ही निर्माण कार्य चालू कर दिया गया है।
क्षेत्रीय विधायक की लिखित शिकायत के बारह दिन गुजरने के बाद भी विभाग की ओर से मेटेरियल के कोई नमूने सरकारी लैब में अभी तक जांच के लिये नहीं भेजे गये है, हालाकि बुधवार को सहायक अभियन्ता हरभान सिंह खुद अपना लिखित में स्पष्टीकरण लेकर विधायक के पास पहुंचे तथा स्वीकार किया कि मौके पर फलाई ऐस निर्मित ईंटों का उपयोग किया जा रहा था जिसे हटवा दिया गया तथा नई ईंटों की सप्लायी करवा दी गयी है।
सहायक अभियन्ता हरभान सिंह गुरूवार सांभर सीएचसी पहुंचे जिनके साथ भाजपा मण्डल अध्यक्ष जितेन्द्र डांगरा ने पुरजोर तरीके से विधायक की ओर से की गयी शिकायत के आधार पर निर्माण सामग्री के नमूने लेकर उसकी जांच विभागीय स्तर से कराने के लिये अपना पक्ष रखा। विधायक निर्मल कुमावत से पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाता को बताया कि सांभर सीएचसी में बन रहे ऑक्सीजन प्लाण्ट में घटिया सामग्री लगाये जाने की शिकायत मीडियाकर्मियों (राष्ट्रदूत नहीं)की ओर से मुझे मौखिक रूप से की गयी थी, उसके आधार पर ही मैं मौके का निरीक्षण करने के लिये पहुंचा था।
हमारी भावना है कि जनता के हित में बेहतर काम होना चाहिये तथा जो लोग भ्रम फैलाकर बदनाम कर रहे है उसकी भी हकीकत सामने आने चाहिये। विभाग को सैम्पल की जांच कराने में इतना विलम्ब क्यों हो रहा है। घटिया सामग्री नहीं थी तो फिर मौके से उसे क्यों हटाया गया। इस मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उपखण्ड दितीय, सहायक अभियन्ता हरभान सिंह का कहना है अभी मेटेरियल की किसी सरकारी एजेंसी से कोई जांच नहीं करायी गयी है, शीघ्र ही नमूना लेकर जांच के लिये लैब में भिजवाया जायेगा।