धरमपाल ने अपने सैलून का नाम बदलकर किया ''काटेलाल एंड डॉटर्स'

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मुम्बई। सोनी सब पर तकरीबन एक साल पहले दो बहनों गरिमा (मेघा चक्रबर्ती) और सुशीला (जिया शंकर) की एक बेहतरीन कहानी को प्रस्तुत किया गया था। हरियाणा की रहने वाली इन दोनों बहनों ने शो की शुरूआत से ही सामाजिक रूढि़यों को चुनौती दी और दर्शकों को प्रेरित किया। आखिरकार वह जो चाहती थीं, उन्होंने कर दिखाया है। उन्होंंने इस शो के कॉन्सेौप्ट के जरिये दर्शकों को प्रेरणा दी है। दर्शक अब न सिर्फ इस शो की कहानी एवं किरदारों में बल्कि सैलून के नाम में भी एक बदलाव देखेंगे। 

'काटेलाल एंड सन्स ' के नाम से लॉन्च हुये इस शो को अब 'काटेलाल एंड डॉटर्स' के रूप में रिब्रांड किया गया है। एक नई कहानी और प्रगतिशील लहर के साथ यह बेटियों के जोश एवं दृढ़ निश्चरय को दर्शायेगा, जिन्हों ने यह साबित कर दिया है, वो बेटों से कम नहीं हैं। उन्हों ने अपनी आकांक्षाओं को दबाने से इनकार कर दिया और सैलून चलाने के पुरूष प्रधान कार्यक्षेत्र में कदम रखकर समाज के सभी नियमों को सफलापूर्वक तोड़ा है। बहुत लंबी लड़ाई और मुश्किल हालातों एवं चुनौतियों से निपटने के बाद, इन बहनों ने आखिरकार अपने पिता की रजामंदी हासिल कर ली है। उनके पिता धरमपाल (अशोक लोखंडे) उनसे इतने प्रभावित हुये हैं कि उन्होंरने अपने सैलून का नाम बदलकर 'काटेलाल एंड डॉटर्स' रखकर उन्हें  सरप्राइज देने का फैसला किया है। शादी के बाद अपने जिंदगी के नये अध्या‍य में कदम रखते हुये और अपने पिता के बिजनेस को नये मुकाम पर ले जाने के निश्चय के साथ, गरिमा और सुशीला अपने जीवन की नई चुनौतियों का सामना करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं।

कॉन्टिलो पिक्चर्स द्वारा निर्मित 'काटेलाल एंड सन्स,' सोनी सब का एक पसंदीदा शो है, जिसका लक्ष्य इसके किरदारों और कहानी के माध्यूम से दर्शकों को प्रेरित करना है। इस शो में अशोक लोखंडे, विनय रोहरा, साहिल फुल, पंकज बेरी और मीना मीर जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने प्रमुख भूमिकायें निभाई हैं। 

प्रतिक्रियायें : 

मेघा चक्रबर्ती 

मेरे और पूरे कास्टक के लिये यह एक बेहद गौरव का पल है। इस शो में एक बहुत ही रोमांचक एवं प्रगतिशील मोड़ आने वाला है, जहां पर 'काटेलाल एंड सन्स ' शो को अब 'काटेलाल एंड डॉटर्स' के रूप में प्रसारित किया जायेगा। इस शो ने अपनी हल्कीर-फुल्कील लेकिन प्रभावशाली कहानी के साथ दर्शकों के साथ बेहद खूबसूरती से जुड़ाव बनाया है। हमने दर्शकों को प्रेरित करने और उनके मन में 'खोल दिमाग का शटर' का विचार डालने का प्रयास किया था, जो सफल रहा है। शुरूआत में हमारा मकसद बस इसी लक्ष्यक को हासिल करना था। इस शो में आये लीप से किरदारों में ताजगी आयेगी और पूरा शो ही काफी हद तक बदल जायेगा। यह निश्वित रूप से दर्शकों को और भी ज्यालदा मनोरंजन देगा।

जिया शंकर 

हमारे समाज में लिंग आधारित भूमिकाओं को दोहराने की निरंतर जरूरत है और मुझे लगता है कि काटेलाल एंड सन्सी ने इस संदेश को बिल्कुेल सही तरीके से दर्शकों तक पहुंचाया है। इसने शुरूआत से ही 'खोल दिमाग का शटर' के कॉन्सेकप्टइ और इस विचार को घर-घर तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। इस शो ने दर्शकों को प्रेरित भी किया है और हम इसे ही अपनी एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं। लड़का हो या लड़की, कोई भी एक-दूसरे से बेहतर या कमतर नहीं होता है। दोनों ही बराबर हैं। गरिमा और सुशीला ने आखिरकार अपनी काबिलियत को साबित कर दिया है। उन्होंसने अपने पिता के नाम पर एक सैलून खोलने की इजाजत उनसे ले ली है। इनकी शादी होने वाली है और उन्हें। अपने खानदानी बिजनेस को भी आगे लेकर जाना है। इन सबके बीच आने वाला समय इन दोनों बहनों के लिये चुनौतीपूर्ण होने वाला है, लेकिन वह अपनी कभी भी हार नहीं मानने वाले ऐटीट्यूड के साथ इन चुनौतियों से निपटने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं।