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जयपुर। मुख्य सचिव राजस्थान निरंजन आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि राज्य महिला नीति-2021 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित विभाग कार्य योजना तैयार कर बेहतर समन्वय के साथ कार्य करे।आर्य शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिला नीति की आमुखीकरण बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप महिला नीति में घोषित छह मुख्य बिन्दुओं को केन्द्र बिन्दु मानते हुए महिलाओं के कल्याण और विकास के लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा। इसके लिए उन्होंने सभी संबंधित विभागाें को शीघ्र नोडल अधिकारी नियुक्त कर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने महिलाओं के समग्र विकास पर जोर देते हुए कहा कि उनमें स्वावलम्बन, आत्म विश्वास एवं सशक्तीकरण की भावना पैदा करने पर ही यह नीति सफल और सार्थक सिद्व हो पाएगी।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा पवन कुमार गोयल ने राज्य में महिला साक्षरता दर को राष्ट्रीय औसत से आगे ले जाने के प्रयास करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इसके लिए उत्तरदायी कारकों की पहचान कर महिला साक्षरता सुधार के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है।
प्रमुख शासन सचिव गृह विभाग अभय कुमार ने महिला सशक्तीकरण में राजीविका की अहम भूमिका को रेखांकित किया। प्रमुख शासन सचिव महिला एवं बाल विकास, श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं एवं बालिकाओं के समग्र विकास के उद्देश्य से गत 11 अप्रेल को महिला नीति का विमोचन किया था। उन्होंने नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि इसमें बालिकाओं के जन्म, उत्तरदायित्व, पोषण और स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशिक्षण, आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण, सुरक्षा, संरक्षण और बचाव तथा पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आपदाओं में महिलाओं की भूमिका का प्रावधान किया गया है।
पुलिस महानिदेशक (सिविल राइट्स) श्रीमती नीना सिंह ने कहा कि महिला अपराध रोकथाम के लिए पुलिस विशेष तत्परता से कार्य कर रही है, लेकिन इनके खिलाफ सामाजिक स्तर पर भी प्रभावी कार्यवाही करने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा, युवा एवं खेल विभाग के शासन सचिव विकास सीतारामजी भाले, श्रम विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा एवं उद्योग विभाग की आयुक्त श्रीमती अर्चना सिंह ने भी महिला नीति के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुऎ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।