रीट परीक्षा के दौरान मेहमान नवाज़ी, भीड़भाड़ और कोविड-19 से सुरक्षा

सद्दीक अहमद की रिपोर्ट 

www.daylife.page

मेहमान नवाज़ी भारतीय संस्कृति की महान परम्परा है जिसे संस्कृत में अतिथि देवो भव: कहा गया है अर्थात मेहमान किसी देवता से कम नहीं। ये कहावत या विचार हमारे सूबे के लोगों के दिल दिमाग में हमेशा से रहे है, जिसका उदाहरण हर राजस्थानवासी रीट परीक्षा 2021 के दौरान देता नज़र आ रहा है। परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए राजस्थान सरकार एक ओर सरकारी बसों को परीक्षार्थियों के लिए आना जाना मुफ्त कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार रीट परीक्षार्थियों की ज्यादा संख्या को देखते हुए सरकारी बसों के साथ-साथ निजी बसों में भी परीक्षार्थियों का आना जाना मुफ्त कर रही है। 

वहीं राजस्थान के करीब-करीब हर जिले, ग्राम, तहसील और शहरों से समाचार आ रहे हैं कि परीक्षार्थियों के ठहरने, खाने-पीने एवं पढ़ने तक की व्यस्थाएं लोग अपने-अपने समाज के परीक्षार्थियों को सुविधा देने की बात कर रहे हैं। वहीँ ज्यादातर लोग, संस्थाएं सर्वसमाज के परीक्षार्थियों एवं उनके साथ आने वालों के ठहरने, खान-पान की व्यवस्थाएं करने में लगे हैं। फिर भी रीट परीक्षार्थियों के लिए रिश्तेदार, अजीजो अक़ारिब एवं मित्रगण के घर भी मेहमान नवाजी के लिए खुले हैं। यही हमारे देश की पहचान और परम्परा है और खास तौर पर राजस्थान इसमें सर्वोपरि है। 

इस परीक्षा के दौरान लाखों विद्यार्थी (रीट परीक्षार्थी) इधर से उधर सड़कों से लेकर, स्कूल, कॉलेज तक घूमते नज़र आएंगे ऐसे में रीट परीक्षार्थियों की सुरक्षा, कोरोना संकट के चलते कोरोना गाइड लाइन्स का पालन करना परीक्षार्थियों के साथ-साथ हम सब का प्रथम कर्तव्य होगा ताकि राजस्थान के नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर कोई प्रश्न चिन्ह न लगे। सरकारी स्तर पर सभी प्रयास जिला कलेक्टर्स के माध्यम से किये गए हैं ऐसे में हम सब भी अपना सहयोग बनाकर भावी पीढ़ी के लिए हो रही रोजगार रुपी परीक्षाओं के दौरान बिना किसी काम के बाज़ारों, सार्वजनिक स्थानों पर जाकर भीड़ न बढ़ाएं। बल्कि एक-दो दिन के लिए अपनों घरों में रहकर खुद सुरक्षित रहें और परिवार को सुरक्षित रखें। 

बात है हमारे मेहमान नवाजी के दौरान हम अपनी और अपने मेहमानों की सतर्कता के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें। जिसके लिए कोरोना (कोविड-19) की गाइड लाइन का पूरा पालन कर मेहमान परीक्षार्थियों के साथ एक यादगार भरा लम्हा संजोकर रखें। ध्यान रहे विपत्ति के दौरान हम सब जी रहें है और कोरोना संकट से निजात का भविष्य भी हम सबको तय करना है। हम भावी पीढ़ी के स्वास्थ्य, रोजगार और भविष्य के साथ फिक्रमंद रहकर अपना परिचय दें।