कई सालों पुरानी परम्परा को निभाया, सूचना में भवन मालिकों का उल्लेख नहीं
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर में करीब चालीस से अधिक खण्डहर हो चुकी हवेलियों को गिराने के लिये पालिका प्रशासन ने सार्वजनिक सूचना जारी कर कई सालों से चली आ रही पुरानी परम्परा का निर्वहन करते हुये फिर से खुद की आफत काटने का काम किया है। अधिशाषी अधिकारी के हस्ताक्षरयुक्त इस आशय की एक सामूहिक सूचना का कागज पुराने हवेलियों की दीवार पर चिपकाकर बाकायदा सबूत के तौर पर आस पडौस में रहने वाले दो आदमियों के गवाह के हस्ताक्षर भी करवा लिये है। बताया जा रहा है सांभर में जिन जर्जर हवेलियों को गिराने के लिये मालिकों के नाम सहित जो नोटिस चस्पा किये् गये हैं उनमें अधिकांशत: उसी वार्ड के है जिस वार्ड की पार्षद श्रीमती ज्योति कुमावत की ओर से इस मुद्दे को उठाया गया था, इतना ही नहीं पालिका ने पार्षद की तसल्ली के लिये दीवारों पर चिपकाये गये नोटिस की एक सूचनार्थ प्रतिलिपि उनको भी दी है, अब सवाल यह है कि जिन अन्य वार्डों में जर्जर हवेलियां है और वहां के पार्षदों की ओर से् इस मामले को नहीं उठाया गया है तो ऐसे खण्डहर भवनों के अकस्मात गिरने की स्थिति में दोष का भागी कौन होगा।
फिलहाल पार्षद के दबाव को देखते हुये पालिका की ओर से गुरूवार को वार्ड 22 में स्थित आशापुरी मंदिर के पासा, गुड्डू माथुर के मकान के पास, मोतीलाल के मकान के सामने, रामवतार सैन के मकान के पास, महेशचन्द व्यास के मकान के सामने खण्डहर हो चुके भवनों पर नोटिस चस्पा किये गये है उस सार्वजनिक सूचना में हवेलियों के मालिकों के नाम पते ही अंकित नहीं है तो ऐसी दशा में भवन मालिक की तामिल होने का सबूत नगरपालिका किस आधार पर स्वीकार करेगा और इन भवनों को गिराने के लिये कौन आयेगा इस पर गहरा प्रश्न चिंह लग गया है। बता दें कि इस मामले में 19 अगस्त को राष्ट्रदूत में खबर प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करवाया जा चुका है। इस सम्बन्ध में सहायक अभियन्ता रवि कुमार कुमावत से बात करने पर बताया कि इतिहास में पहली बार खण्डहर हालत में खडे भवनों को गिराने के लिये बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। ऐसे मालिकों को फोन से सूचना देने का काम शुरू कर दिया है, ई-मेल के जरिये भी सूचना दी जायेगी, उन्हें नोटिस भी भेजा जायेगा।