तैरह साल पुराने विवादित मामले में एडीजे सांभर का महत्वपूर्ण फैसला
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सांभरझील (जयपुर)। किशनगढ रेनवाल के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विकास कुमार स्वामी की ओर से एक मामले में ग्राम भैंसलाना, थाना रेनवाल, जिला जयपुर के रहने वाले छीगनलाल पुत्र हरदेव, हरदेव पुत्र बंशीराम व श्रीमती प्रेमदेवी पत्नी हरदेव को आईपीसी की अलग अलग धाराओं में सुनायी गयी पांच साल की कठोर सजा के खिलाफ अपीलार्थी की ओर से एडवोकेट राजेन्द्र कुमार चौपड़ा की ओर से सांभर अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत में पेश की गयी अपील पर सुनवायी करते हुये एडीजे बृजेश पंवार ने महज तीन दिन में ही उपरोक्त सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त करने के आदेश दिये साथ ही न्यायालय ने प्रकरण में सब जेल सांभरलेक को उनकी अभिरक्षा से रिहायी बाबत तहरीर भी जारी करने के आदेश दिये।
अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार चौपड़ा ने न्यायालय में तर्क रखा कि अधीनस्थ न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से कोई साक्ष्य पेश नहीं की गयी है, यहां तक कि प्रकरण में आहत हुये मदनलाल के बयान भी नहीं हुये है, जबकि उसकी साक्ष्य लेखबद्ध होती उससे पहले ही उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
इस मामले में परिवादी रतनलाल ने पुलिस थाना किशनगढ रेनवाल में एफआईआर पेश कर बताया था कि उसका भाई मदनलाल बाजार से दूध लेकर घर से बाजार जा रहा था वहीं पर रास्ते में छीगनलाल, हरदेव, प्रेमदेवी ने उसके भाई को रोककर उस पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिससे उसके गंभीर चोटें आयी थी। एडीजे सांभर ने पत्रावली में उपलब्ध समस्त दस्तावेजों व साक्ष्यों के अलावा अपीलार्थी के वकील की ओर से रखे गये तर्कों के आधार पर एसीजेएम किशनगढ रेनवाल की ओर से 21 सितम्बर को सुनायी गयी सजा को महज तीन दिन में अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुये सभी आरोपियों को आईपीसी की धाराओं में बरी कर दिया। बताया जा रहा है कि सांभर के इतिहास में यह पहली ऐसी अपील है जिसका अल्प समय में फैसला सुनाकर राहत दी गयी है।