सांभर में कोओं की मौत का आंकड़ा 55 पार, घायल दुर्लभ चील ने भी दम तोड़ा

रविवार को 4 मृत व 2 घायल कोअे और मिले

शैलेश माथुर की रिपोर्ट

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सांभरझील (जयपुर)। सांभर कस्बा में अज्ञात कारणों से हो रही कोओं की मौत थमने का नाम नहीं ले रही है। कोओं के शव मिलने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। शनिवार को घायल अवस्था में मिली दुलर्भ प्रजाति की एक चील सहित सभी 6 घायल कोओं ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अभी घायल एक कबूतर ठीक हालत में बताया जा रहा है। वन विभाग टीम की ओर से रेलवे फाटक के पास डम्पिंग यार्ड, कटला बाजार स्थित गांधी बाल बाड़ी व सांभर साल्ट परिसर के हनुमान मंदिर के पास 4 कोओं के शव व 2 घायल अवस्था में मिले। 

वन विभाग के श्यामश्री शर्मा के देखरेख में सभी मृत कोओं को सुरक्षित तरीके से जलाकर दफना दिया गया है। सभी घायल कोओं को पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर राजसिंह शेखावत के निर्देशन में इलाज चल रहा है। सांभर कस्बा में अब तक कोओं सहित 56 परिंदों की मौत का आंकड़ा पार हो चुका है। बताया गया कि रविवार को जिन 4 कोओं के शव को भोपाल लैब में जांच के भिजवाया गया था वे वहां पर पहुंच चुके है, अब उनके सैम्पल की जांच के बाद रिपोर्ट आने के बाद ही वास्वतिक कारणों का खुलासा हो पायेगा। 

पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर पदमचन्द कानखेड़िया से बात करने पर बताया कि हमारी व वन विभाग की संयुक्त टीम पूरी सतर्कता के साथ काम में जुटी हुयी है तथा हम भी पूरी नजर बनाये हुये हैं। कोओं की हो रही मौत के मामले में चिंता जाहिर करते हुये पक्षी प्रेमी धर्मेन्द्र जोपट, दिव्यराज वीर गुर्जर, पुरूषोत्तम स्वामी, प्रभुदयाल माली, विष्णु सिंवाल ने सरकार से अपेक्षा की है कि इनकी मौत को गंभीरता से लेते हुये वन विभाग व पशुपालन विभाग को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराये जाये ताकि प्रभावी तरीके से इन पर नियंत्रण किया जा सके।