वन, पशुपालन, सांभर साल्ट, पालिका, मेडिकल के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर में पिछले दिनों पाये गये मृत कोवों (पक्षियों) की राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल से करवायी गयी जांच रिपोर्ट में एच-5एन-1 एवियन इन्फ्लून्जा वायरस की पुष्टि होने के बाद प्रदेश सरकार पूरी सावधानी के साथ प्रभावी कदम उठाने के लिये गंभीर हो गयी है। उक्त वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण के लिये जिला सतर्कता समिति की बैठक में वन, पशुपालन, सांभर साल्ट, मेडिकल व पालिका के अधिकारियों की अलग अलग जिम्मेदारी तय करते हुये एसडीएम प्रकाशचन्द रैगर ने इसके लिये अन्य विभाग के अधिकारियों को भी खास निर्देश प्रदान किये हैं। नगरपालिका के ईओ को कहा गया है कि रेलवे फाटक के बाहर डम्पिंग यार्ड के पास मृत पशुओं के चूना व नमक लगाकर गढ्ढा खोदकर दफनाने, डम्पिंग यार्ड के आसपास पक्षियोें को एकत्रित होने से रोकने के लिये पटाखों व आवाज करने वाले यंत्रों का इस्तेमाल किया जाये, सोडियम हाइक्लोराफाइड का पर्याप्त स्प्रे करवाने व नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी इसके लिये सावचेत किया जाये। पशुपालन विभाग के चिकित्साधिकारी डॉ0 राजसिंह शेखावत से कहा गया है कि वे लगातार अपनी टीम के साथ क्षेत्र का भ्रमण करें तथा मृत मवेशी पाये जाने पर उसका नियमानुसार निस्तारण किया जाये। क्षेत्र में स्थित पोल्ट्री फार्मों की नियमित सैम्पलिंग व व सर्वे कराने के लिये भी कहा गया है, इसके अलावा मुर्गियों व अण्डों के विक्रय का रिकॉर्ड भी संधारित कराने के निर्देश दिये जा चुके हैं। पानी को खुले में नहीं रखा जाये ताकि किसी बाहरी पक्षियों के पीने
र्की संभावना ही नहीं रहे। बर्ड फ्लू की संभावना के मद्देनजर सरकार की ओर से दिये गये निर्देर्शों की अनुपालना में सभी विभाग के अधिकारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के लिये हिदायत भी दी जा चुकी है। सांभर साल्ट अधिकारियों को भी इसी अनुरूप झील परिक्षेत्र में पूरी तरह से मॉनिटरिंग करने, आने वाले लोगों को इससे सावचेत करने के लिये भी कहा गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है कि वे रेस्क्यू कार्य में कार्यरत विभाग व एनजीओ की टीम की उक्त वायरस के संक्रमण सम्बन्धी जांच करवाये, नि:शुल्क दवाईयों के किट एवं बचाव सम्बन्धी आवश्यक जानकारी से लोगों को जानकारी देकर उनका बचाव करे। बताया गया है कि एच-5एन-1 वायरस की इंसानों में फैलने की संभावना होने पर उनमें तेज बुखार, कफ एवं डायरिया के लक्षण प्रकट हो सकते है। इस कार्य में तैनात किये गये सभी को मास्क, सेनेटाईजर आदि जरूरत का सामान भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जायेगा। वन विभाग को रेपिट रेस्पोंस टीम एवं कण्ट्रोल रूप स्थापित करने के लिये कहा गया है साथ नियमित रूप से सांभर व झील परिक्षेत्र का भ्रमण कर इस निगरानी के लिये सख्त हिदायत दी जा चुकी है। इस मौके पर राज्य स्तरीय टीम में झील के मॉनिटरिंग इंचार्ज डॉ. मनोज कुमार, चिकित्साधिकारी प्रवीण कुमार, उप निदेशक डॉ. पदमचन्द कानखेड़िया की ओर से निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश अधिनस्थ स्टाफ को प्रदान किये गये।