जयपुर। सभी सांसारिक सीमाओं को दरकिनार कर मानवीय मूल्यों को प्रवाहित करते हुए विभिन्न देशों के प्रसिद्ध कवियों ने इंडियन सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर (आइस्पैल इंडिया) के तरेसठवें संडे साहित्यिक सत्संग मे शिरकत की और बेहद संजीदगी से अपने काव्य संग्रहों से अपनी मार्मिक कविताओं का पठन किया। ऊर्जा से भरपूर काव्यमयी माहौल में अमेरिका से एनैट टारप्ले, डेनिस ब्राउन, जिल शैरोन किमलमेन, फिलीपीन्स से हेलन सरिता और जोन सेंतीलन एमूराव, ग्रीस से दिमितरिस क्रानिओतिस, यूके से सरफराज़ अहमद, जर्मनी से एंत्जे स्टीहन और डोमनिकन रिपब्लिक से सैमूअल अकोस्टा ने उत्कृष्ट काव्य प्रस्तुतियां दी जिनको सभी श्रोतागणों ने बेहद संजीदगी से आन्नदविभोर होकर सुना और सराहा।
इस कार्यक्रम को ऑनलाइन जूम प्लेटफार्म पर डाॅ. जी ए घनश्याम, फाउंडर और जनरल सैकट्ररी, आइस्पैल और प्रोफेसर आफ इंगलिश, डायरेक्टरेट ऑफ हायर एजुकेशन, रायपुर, छतीसगढ के मार्गदर्शन में डॉ. शालिनी यादव, प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, कॉम्प्यूकॉम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, जयपुर ने विशेष रूप से संयोजित किया।
प्रोफेसर अनुपमा वोहरा, प्रेसिडेंट, आइस्पैल इंडिया और प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, डीडीई, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू ने प्रोग्राम को अच्छे से संचालित कर आगे बढाया। प्रोफेसर घनश्याम ने सभी कवियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया और उनके प्रति सादर आभार व्यक्त किया। प्रमोद ढींगले, आइटी कोर्डिनेटर, आइस्पैल इंडिया के विशेष सहयोग से प्रोग्राम का समापन किया गया। अंततः डाॅ. शालिनी ने तहेदिल से सभी साहित्य प्रेमियों को भव्य उपस्थिति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस प्रोग्राम को फेसबुक, यू-ट्यूब, जन-टीवी इत्यादि विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों से प्रसारित कर जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। सद्भाव और भाईचारे की भावना को वैश्विक स्तर पर परिलक्षित करता यह कार्यक्रम बेहद खुबसूरत और सफल रहा।