सांभर में डेंगू से बचाव के लिये अस्पताल प्रशासन हुआ सतर्क

घरों के बाहर रखे कूलर, पक्षियों के परिंडों को खाली करवाने पर फोकस

पच्चीस वार्डों में आशा सहयागनियों की ओर से किया जा रहा है सर्वे

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। प्रदेश में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को मद्देनजर रखते हुये यहां के अस्पताल प्रशासन की ओर से खास नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग में तैनात आशा सहयोगनियों को सांभर के सभी वार्डों में घर घर जाकर सर्वे करने के निर्देश प्रदान किये जा चुके हैं। मलेरिया व मौसमी बुखार के आने वाले मरीजों को डेंगू से बचाव के लिये खास टिप्स भी दिये जा रहे है। घरों की बालकनियों व खिड़की के बाहर रखे कूलरों को खाली करवाये जाने के लिये लोगों को हिदायत दी गयी है कि वे इन्हें तत्काल खाली करके इन्हें बोरी के टाट से अच्छी तरह रगड़कर सूखा कर बंद कर दें ताकि कोई मच्छर का लार्वा हो तो वह पूरी तरह से नष्ट हो जाये। 

आसपास मंदिरों के बाहर नारियल के खोल में भी पानी भरता है, यह बारिश का पानी साफ होता है जिसमें डेंग मच्छर के लार्वा पाये जाने की संभावना अधिक रहती है, इन खोलों को हटवाये जाने के लिये अस्पताल प्रशासन कदम उठा चुका है। परिंदों के लिये लगाये गये परिंडों को भी फिलहाल दूर करवाया जा रहा है। डेंग मच्छर का लार्वा किसी भी सूरत में नहीं पनपे इसके लिये पूरी एहतियात बरती जा रही है। डेंगू का मच्छर शाम को गोधूली बेला के वक्त ही घर में प्रवेश करता है उसके बाद जहां पर है वहीं पर टिका रह जाता है। शाम को घरों की खिड़कियों व दरवाजों को इस वक्त बंद रखने के लिये भी कहा जा रहा है। डेंगू की संभावना होने पर ऐसे मरीज की एलिजा टेस्ट जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में ही संभव होने के कारण उसे जांच के लिये रैफर किया जाता है। 

इस मामले में सांभर राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारी प्रभारी डॉक्टर महेश वर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्लेटसरेट कम होने पर डेंगू की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसकी जांच के बाद ही हमारे पास डेंगू की पुष्टि होने की सूचना भेजी जाती है। हमारी ओर से सांभर के सभी वार्डों में आशा सहयोगनियों को इस बात का सर्वे करने के लिये नियुक्त किया हुआ है कि वह घर घर जाकर बुखार के मरीजों का पता लगाये तथा इसकी सूचना नियमित रूप से अस्पताल प्रशासन को देती रहे इसके लिये भी खास हिदायत दी हुयी है। 

मच्छरों का प्रकोप नष्ट करने के लिये नगरपालिका क्षेत्र में फोंगिग करवाने की जिम्मेदारी उनकी तय कर रखी है। डीडीटी का छिड़काव मलेरिया के बढते कैसेज को लेकर करवाया जाता है उसका एक मापदण्ड पहले से बना हुआ है। हालाकि अस्पताल प्रशासन यह नहीं बता पा रहा है कि सांभर में डेंगू के अभी तक रिकॉडेर्ड मामले कितने आये है, लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार एक दो मरीजों में डेंगू होने की बात बतायी जा रही है।