सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत
आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये निःशुल्क, रूफटॉप ऐप पर जुडे देश भर के कलाकार, गुजरात के प्रतिष्ठित कलाकार कार्तिक चौहान ने किया वर्कशॉप का संचालन, बिहार की प्रसिद्ध ‘खत्वा‘ हस्तकला पर वर्कशॉप का आयोजन
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जयपुर। एक कपडे को दूसरे कपडे पर जोड़ने की कला को एप्लीक क्राफ्ट कहा जाता है। इस आर्ट की उत्पत्ति सुई के जन्म के साथ हुई। बिहार में ‘खत्वा‘ नाम से प्रसिद्ध यह कला विश्व भर में विभिन्न नामों से प्रसिद्ध है। यह कहना था गुजरात के प्रतिष्ठित कलाकार कार्तिक चौहान का। कार्तिक रूफटॉप ऐप पर आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये आयोजित बिहार की प्रसिद्ध खत्वा कला (एप्लीक पैच वर्क कला) वर्कशॉप में सम्बोधित कर रहे थे। आजादी का अमृत महोत्सव - सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत पर राजस्थान स्टूडियों की सहायता से इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
वर्कशॉप के दौरान कार्तिक ने गुजरात में एप्लीक कला से जुडे महत्व भी साझा किया। उन्होंने बताया कि पुत्री के विवाह में लडकी की मां एप्लीक क्राफ्ट से सुसज्जित कर पांच गोदडी अपने हाथों से बना कर भेंट करती है। कार्तिक ने आगे बताया कि एप्लीक कला से फैशन इण्डस्ट्री का जन्म हुआ और इससे बने परिधानों को सभी पसंद करते है और पहनते हैं। उन्होंने कहा कि एप्लीक क्राफ्ट के डिजाइन प्रकृति से प्रेरित होते हैं। वर्कशॉप के दौरान उन्होंने लाल और सफेद दो रंग के चौकोर कपड़े लिये और सर्वप्रथम इसमें से लाल रंग के कपडे को चार बार फोल्ड कर विशेष तरीके से कट किया। फिर इस कट किये हुए लाल कपडे को दूसरे सफेद कपडे पर अधिरोपण कर स्टिचिंग करते हुए बेहद सुंदर डिजाइन प्रस्तुत किया। उन्होंने रिवर्स एवं पारम्परिक के बारे में भी जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि कार्तिक चौहान का परिवार भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान सिंध से जामनगर में आकर बस गए थे। विस्थापन के समय उनके पास उनके पूर्वजों द्वारा सिखाये गये एप्लिक प्राचीन शिल्प कला के अतिरिक्त कुछ नहीं था। कार्तिक गत 15 वर्षों से एप्लिक कला में कार्यरत महिला कारीगरों के सशक्तिकरण के लिए जमीनी स्तर पर विभिन्न क्लस्टर डवलपमेंट कार्यक्रमों और कार्यशालाओं से जुडे़ हुए है। वे कारीगरों के विकास और समृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अवसर तलाशने और समृद्ध मंच उपलब्ध कराने पर भी कार्यरत हैं। इस कला पर आधारित वॉल हैंगिंग, बेडस्प्रेड, मेज़पोश, कुशन कवर, बोल्स्टर कवर और व्किल्टस् काफी लोकप्रिय हैं।
रूफटॉप ऐप के बारे में :
दुनिया भर के कलाप्रेमियों को विभिन्न भारतीय कला शैलियों तक पहुंच आसान बनाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टूडियो द्वारा रूफटॉप ऐप लांच किया गया है। इस ऐप पर आयोजित वर्कशॉप्स के माध्यम से विश्व भर से भारतीय कलाशैलियों को पसंद करने वाले ना केवल प्री-रिकार्डेड सैशन देख सकंेगे बल्कि आगामी वर्कशॉप्स का शैडयूल देख कर अपना कैलेण्डर भी निर्धारित कर सकेंगे। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर और आईओएस प्लेटफार्म से डॉउनलोड किया जा सकेगा।
द सर्किल कम्यूनिटी के बारे में :
स्लो मो एक्सपीरियंसेज द्वारा ‘द सर्किल कम्यूनिटी‘ की शुरूआत कलाकारों की इनवाइट-ओनली कम्यूनिटी के तौर पर की गई है। लगभग 1 घंटे से अधिक समय के लिये आयोजित इन निःशुल्क सत्रों एवं कार्यशालाओं में समान विचारधारा वाले कलाकार ना केवल गहन कलात्मक वार्ता करते हैं बल्कि विभिन्न कला स्वरूपों को सीखने एवं साझा करने और आत्म-निरीक्षण के उद्देश्य से एक मंच पर एकत्र होते हैं।
सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75ः बुलाये भारत (इंडिया कॉलिंग) के बारे में :
भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर भारत सरकार द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, ‘इंडिया चौक‘ पहल के तहत स्लो मो एक्सपीरियंसेज द्वारा भारत की पारम्परिक कलाओं का जश्न बनाया जा रहा है। भारत के राष्ट्र निर्माण के लिए किये गये इस प्रयास के तहत वर्चूअल इंडियन आर्ट एक्सपीरियंस ‘बुलाये भारत‘ (इंडिया कॉलिंग) के माध्यम से 15 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2022 तक देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से चुने हुए पारम्परिक कलाकारों को शामिल किया जा रहा है। विशेष रूप से क्यूरेट किए गए इस वर्चुअल आर्ट एक्सपीरियंस में पेंटिंग पर आधारित 44 और शिल्प पर आधारित 31 कला शैलियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। इनके अतिरिक्त 26 अन्य महत्वपूर्ण स्थानीय कला शैलियों को भी इसमें शामिल किया गया है।
राजस्थान स्टूडियो के बारे में :
राजस्थान स्टूडियो विश्व का प्रथम एवं एकमात्र अनोखा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो राजस्थान के मास्टर आर्टिजंस के मार्गदर्शन में विभिन्न कला शैलियों का हैण्डस्-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान कराता है। राजस्थान स्टूडियो व्यक्तिगत एवं कॉर्पोरेट वर्कशॉप्स के माध्यम से कला-प्रेमियों, देशी-विदेशी यात्रियों, पेशेवरों एवं विद्यार्थियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार, ललित कला अकादमियों से पुरस्कृत एवं पद्मश्री जैसे सम्मानित अवार्ड प्राप्त कर चुके राजस्थान के कारीगरों से जोड़ता है।