हम अब भी संचार की समृद्ध परंपरा के अनुरूप और मोदी जी द्वारा जियो का प्रचार करने के बावजूद; बीएसएनएल के लैंड लाइन फोन का उपयोग करते हैं। किसी को भी फोन करने पर बात होने से पहले सुनाई देता है- 'आप सबके साथ और प्रयास से भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण की बेमिसाल उपलब्धि हासिल की है। अपना टीकाकरण अवश्य पूरा करें और कोविड अनुरूप व्यवहार करें'। हमने इस उपलब्धि के लिए मोदी जी को धन्यवाद नहीं दिया है। आप चाहें तो इसके लिए वाट्रसअप ग्रुप में हम पर यूएपीए लगाने का अभियान भी चला सकते हैं। हालांकि मोदी जी कोरोना प्रोटोकोल को तोड़कर ग्लासगो में लोगों से गले मिल रहे हैं लेकिन हम अब भी कोरोना के अनुरूप व्यवहार करते हैं। लोगों को दूर से ही सलाम, सॉरी, (कहीं तेजस्वी सूर्य नाराज़ न हो जाएँ) नमस्कार करते हैं।
हजामत बढ़ गई है। हमारा गुरुदेव रवीन्द्रनाथ बनने का कोई इरादा नहीं है। वैसे भी लुंगी बनियान में गुरुदेव तो क्या लगेंगे, हाँ, कोई देशभक्त मुल्ला जी समझकर ठुकाई ज़रूर कर देगा। सो पड़ोस में रहने वाले एक क्षौर कर्मी से तीन बार कहा लेकिन उसका कार्यक्रम नहीं बना। इसलिए जैसे गाँधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में सलून वाले के हजामत बनाने से मना कर देने, पर खुद ही अपना मुंडन कर लिया था वैसे ही हमने भी ट्रिमर से खुद ही घोटमघोट कर लिया। बिना मोदी जी के किसी सहयोग के हमारा भारत तो आत्मनिर्भर हो गया।
तोताराम ने आते ही हमारे मूंड की तरफ इशारा करते हुए पूछा- यह क्या है ?
हमने कहा- यह हमारा सिर है जिसका कल दोपहर में मुंडन किया गया है।
बोला- क्यों, क्या तुझे देश की 100 करोड़ टीकाकरण की उपलब्धि पर कोई प्रसन्नता नहीं हुई? यह तो अपनी सजी-धजी सेल्फी के साथ मोदी जी को धन्यवाद भेजने का क्षण है।
हमने कहा- चीन एक महीने पहले ही सवा दो सौ करोड़ टीके लगा चुका है, और फिर ये सब तो रुटीन काम हैं। यह क्या कि रोज-रोज इस-उस काम के लिए धन्यवाद-धन्यवाद का तमाशा करते रहो। कल को सूर्योदय या पेट साफ़ होने तक के लिए धन्यवाद देने लगें। ठीक है रिटायर्ड हैं लेकिन इतने निठल्ले भी नहीं हैं।
बोला- तो कम से कम यह शोकसूचक मुंडन तो नहीं करवाना था।
हमने कहा- तो दाढ़ी बढ़ाना भी तो एक प्रकार का हठयोग और विषाद ही है. याद है, राजनारायण ने प्रण किया था कि जब तक इंदिरा गाँधी को चुनाव में हरा नहीं दूंगा तब तक दाढ़ी नहीं कटवाऊँगा. जैसे मोदी जी ने प्राण किया है कि जब तक देश को कांग्रेस मुक्त नहीं कर दूंगा, पेट्रोल 500 और गैस 2000 पर नहीं पहुंचा दूंगा तब तक दाढ़ी नहीं बनवाऊँगा वैसे ही जब तक भारत 20-20 विश्व कप में पाकिस्तान को 10 विकेट से नहीं हरा देगा तब तक हम हर महिने अपना मुंडन करते रहेंगे।
और हमारे मुंडन करवाने से मोदी जी के दाढ़ी और केश न कटवाने के बीच एक राष्ट्रीय संतुलन भी स्थापित हो जाएगा।
बोला- यह भी तो हो सकता है कि इस चक्कर में तेरी टांगों में उलझने लगे। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)
लेखक :रमेश जोशी
सीकर (राजस्थान)
सम्पर्क : 9460155700
प्रधान सम्पादक, 'विश्वा', अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति, यू.एस.ए.