करेक्टिव सर्जरी से जिंदगी को मिली नई राह
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जयपुर। कोविड की तीसरी लहर में उदयपुर स्थित नारायण सेवा संस्थान ने असहाय परिवारों के बच्चों की नि:शुल्क करेक्टिव सर्जरी कराई जाती है। जन्मजात विकृत 4 दिव्यांगों के पैरों की नि:शुल्क सर्जरी संस्थान द्वारा हाल ही में की गई। आय के सीमित स्रोत और लॉकडाउन के कारण लगातार आर्थिक तंगी के कारण परिवार अपने बच्चों का ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे थे।
छत्तीसगढ़ चंपा के 8 वर्षीय मयंक पटेल, उत्तर प्रदेश के सीतापुर के 10 वर्षीय श्रेष्ठ गुप्ता और बिजनौर की 15 वर्षीय मंतशा, राजस्थान के जालौर के 9 वर्षीय गौतम परमार का निशुल्क ऑपरेशन हुआ। ये दिव्यांगजन संस्थान द्वारा संचालित कौशल शिक्षा में भाग ले रहे हैं।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि छोटे शहरों से आने वाले परिवार अपने दिव्यांग बच्चों के लिए उपलब्ध उपचार का खर्च वहन नहीं कर पाते है। इसीलिए निशुल्क सर्जरी दिव्यांगों की गई है। वर्तमान में इलिजारोव तकनीक की मदद से उनका इलाज किया जा रहा है।
नारायण सेवा संस्थान ने लगभग 4,26,850 से अधिक सफल ऑपरेशन करने के साथ 2,74,603 व्हीलचेयर, 2,64,422 ट्राइसाइकिल, 2,97,789 बैसाखी, 3,61,997 और 1,72,000 कंबल जरूरतमंद और वंचित व्यक्तियों के बीच वितरित किए हैं।