मुम्बई। हम चाहते हैं कि दिन के आखिरी आधे घंटे में दर्शकों को भरपूर खुशियां दें, यह कहना है सोनी सब के ‘गुडनाइट इंडिया’ के अमित टंडन का। जिनसे की गयी बातचीत के अंश भी प्रस्तुत हैं:
टेलीविजन की दुनिया में आपने पहली बार कदम रखा है। नए माध्यटम पर काम करके कैसा लग रहा है? इसे लेकर आप कितना उत्सा हित हैं?
टेलीविजन पर मैं पहली बार काम कर रहा हूं, और मैं अपने उत्साह को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। आज भी, मुझे लगता है कि टेलीविजन सबसे प्रमुख माध्यरम है, और इस मौके ने मुझे दर्शकों के अलग समूह तक पहुंचाया है जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। गुडनाइट इंडिया के साथ, मैं मुख्ये रूप से ऐसे दर्शकों की बात कर रहा हूं जो घर पर बैठकर शो देखते हैं। इसलिए, मैं यह पूरी प्रोसेस सीखने के लिए बहुत रोमांचित हूं। मैं सिर्फ लाइव ऑडियंस से बातें नहीं करूंगा बल्कि कैमरा के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच सकूंगा जोकि अपने घर पर आराम से बैठकर मुझे देख रहे हैं।
अभी तक, फैंस से आपको कौन से ऐसे रिस्पॉन्स एवं कमेंट्स मिले हैं जिन्हों ने आपके दिल को छुआ हो?
मुझे फैंस से हमेशा जो बेशुमार प्या र एवं प्रशंसा मिली है, उसका मैं बहुत आभारी हूं, और इससे मुझे हर गुजरते दिन के साथ और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। मुझे लगता है कि खासकर महामारी के दौरान मिली प्रतिक्रियायें शानदार हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंेने मुझे लिखकर ये बताया कि उन्हें जो एक चीज खुश बनाए रखती है वह है अलग-अलग प्ले टफॉर्म्सं पर मेरे वीडियो देखना। मुझे एक वाकया याद है जब एक कपल शो के लिए आया, और उन्होंने बताया कि जब भी हमारी लड़ाई होती है, हम बस बैठ जाते हैं और आपका एक वीडियो देखते हैं और साथ मिलकर खूब हंसते हैं।
आपको अपने कंटेंट के लिए कहां से प्रेरणा मिलती है?
मुझे अपने आस-पास मौजूद लोगों को ध्या न से देखने के दौरान हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से अपने स्केोचेज के लिए प्रेरणा मिलती है। मुझे कंटेंट तब मिलता है जब मैं यात्रा करता हूं, मैं मेरे इर्दगिर्द मौजूद लोगों को देखता हूं और अपने स्केचेज के साथ उनकी जिंदगी को शामिल करने की कोशिश करता हूं। काफी सारा कंटेंट मुझे अपने बच्चों, पत्नी और पेरेंट्स से भी मिलता है।
लाइव परफॉर्म करने या इस फॉर्मेट वाले शो की रिकॉर्डिंग करने के क्यार-क्याो फायदे और नुकसान हैं?
जब आप लाइव परफॉर्म करते हो, तो सबसे बड़ी चुनौती होती है कि आपको ऑडियंस का फीडबैक कुछ ही सेकंड में मिल जाता है। मसलन, यदि जनता को कोई अच्छास चुटकुला पसंद आता है तो वे हंसते हैं या ताली बजाते हैं। इस तरह के फीडबैक से आपको प्रेरणा मिलती है। यह उन कलाकारों के लिए भी समान है जो थिएटर करते हैं और फिल्मों में अभिनय करते हैं। फिल्मी कलाकार पीछे जाकर थिएटर करते हैं ताकि वे लोगों के लाइव देखने के रोमांच का अनुभव कर सकें और वास्तविक समय में उनके रिएक्शंस देख सकें। लाइव परफॉर्म करने की चुनौती यह है कि आपको कभी नहीं पता होता कि आपके साथ क्याव होने वाला है क्योंलकि आपको हमेशा हर बार अपनी कला दिखाने के लिए नए-नए लोग मिलते हैं। कभी-कभी लोग प्रतिक्रिया देंगे और कभी-कभी ऐसा नहीं होगा। लाइव शोज के साथ कई अज्ञात घटक एवं चुनौतियां होती हैं, जिसमें हर शो अप्रत्यायशित है, अलग है और इसमें एक सिंगल स्क्रिप्टअ नहीं होती जिसे आप बार-बार इस्तेपमाल कर सकते हो। रिकॉर्डेड शो के दौरान सबसे बड़ा फायदा होता है कि आपने पूरी तरह से तैयारी की होती है, पूरा माहौल नियंत्रण में होता है, और यदि कुछ ऐसा होता भी है जिसकी शुरुआत में प्लातनिंग नहीं की गई थी, तो आप वापस जाकर फिर से शूट कर सकते हैं। इसका नुकसान संभवत: यह है कि आपको अपने टाइमिंग पर काफी कठिन मेहनत करनी होती है, क्यों कि आमतौर पर, लाइव शोज के दौरान आपको ज्याहदातर प्रेरणा उस कमरे की एनर्जी से मिलती है जहां आप परफॉर्म कर रहे हैं। रूम में मूड बदलने के साथ ही टाइमिंग भी बदल जाती है। हालांकि, जब आप कैमरा के साथ काम कर रहे हैं, तो आपको अपने दिमाग में ऑडियंस बनानी होती है और अपने दिमाग की आंखों से उन्हेंर देखना होता है। आपको कब विराम (पॉज़) लेना है, इसे भी खुद से परिभाषित करना होता है।
आखिर किस चीज ने गुडनाइट इंडिया का हिस्साइ बनने के लिए प्रेरित किया?
मुझे लगता है कि पूरा कॉन्सेहप्टी ही अहम भूमिका निभाता है, और मुझे वास्त।व में लेट-नाइट शो लाने का आइडिया बहुत पसंद आया जो लोगों को खुश करेगा और उन्हें अपने चेहरों पर एक मुस्कु राहट के साथ सोने में मदद करेगा। इसलिए, इस पूरे आइडिया एवं कॉन्सेडप्टप दोनों ने ही मुझे आकर्षित किया, और मुझे ज्या।दा व्याकपक दर्शकों तक आने का मौका मिल रहा था जोकि बहुत रोमांचक था।
सोनी सब और गुडनाइट इंडिया के साथ जुड़कर कैसा लग रहा है?
सोनी सब परिवार के साथ जुड़कर बहुत अच्छाज लग रहा है, और मैं गुडनाइट इंडिया का हिस्सा बनकर भी बहुत उत्सा हित हूं। मुझे लगता है कि सोनी सब हमेशा से परिवारों के लिए हलका-फुलका कंटेंट लाकर सबसे आगे रहने में सफल रहा है, और मेरी भी यही खासियत है यानी परिवारों के लिए कंटेंट बनाना। मैं ‘गुडनाइट इंडिया’ का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं क्यों कि मेरा मानना है कि कोई भी व्यवक्ति अपनी जिंदगी में जो सबसे महत्वलपूर्ण चीज कर सकता है वह है लोगों को हंसाना और उन्हें खुश करना। इसलिए, हम भारत का गो-टु रातवाला फैमिली शो ‘गुडनाइट इंडिया’ लेकर आ रहे हैं।
लोगों ने आमतौर पर आपको अभी जो करते हुए देखा है, उससे इस शो का कॉन्सेलप्ट बहुत अलग है। आपके लिए यह अनुभव कैसा रहा?
पहले ही दिन से अनुभव जबर्दस्त? रहा है, और मैंने पूरी क्रिएटिव प्रक्रिया के दौरान निष्पाटदित किए जाने वाले इनपुट लेखकों को दे दिए हैं। टीम बहुत अच्छी? है और क्रिएटिव पहलू की बात करें तो हमेशा आइडियाज को लेकर खुली रहती है। इस प्रक्रिया में, हम हर दिन की स्थितियों के माध्यंम से हास्य लाने की कोशिश कर रहे हैं, और टेलीविजन पर काम करने का अनुभव बहुत ही समृद्ध रहा है।
दर्शक इस शो से क्याा उम्मीिद कर सकते हैं?
दर्शकों के लिए ऐसी कहानियां लाई जाएंगी जोकि जुड़ाव बनाने वाली हैं और उनके चेहरों पर मुस्कायन लाएंगी। हमारा उद्देश्यअ उन्हें कुछ हलका-फुलका मनोरंजन देना और उनके दिन के आखिरी घंटे को खुशियों से भर देना है। हम शो के साथ ढेर सारी मुस्कुशराहटों, खुशियों और आनंद का इंतजार कर रहे हैं, जिसे आप अपने परिवार के साथ बैठकर आराम से देख सकते हैं।
यह साल हम सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। रोज़ की भागदौड़ के बाद, आप खुद को कैसे रिलैक्सर करते हैं और एक अच्छी नींद सुनिश्चित करते हैं?
पिछले दो साल वाकई बहुत चुनौतीपूर्ण रहे हैं, और मेरा मानना है कि अपनी फैमिली के साथ रहने के कारण ही मैं आगे बढ़ता रहा, और बीते दो सालों में मैं उनके और करीब आ गया हूं। हमने गेम्सी खेलना शुरू किया, एक-दूसरे के बारे में बहुत कुछ जानना शुरू किया क्यों कि मेरे बच्चे उम्र के ऐसे पड़ाव में हैं जब वे अपने पेरेंट्स से ज्यामदा बात नहीं करना चाहते हैं। महामारी के कारण, हमने काफी बातचीत करना शुरू किया, और अब सोने जाने से पहले गेम खेलना हमारे लिए एक रिवाज बन गया है। यह मेरा अपना तरीका है यह सुनिश्चित करने का कि रात में मुझे बहुत अच्छी नींद मिले और हर दिन का अंत एक मुस्काबन के साथ हो।